Last Updated: Monday, November 28, 2011, 14:59
गाजियाबाद : टीम अन्ना
ने सोमवार को किरण बेदी का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व आईपीएस अधिकारी के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत इसलिए दाखिल की गई है क्योंकि वह जनलोकपाल आंदोलन से जुड़ी हैं।
टीम अन्ना
के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि एक स्थानीय अदालत ने जिस शिकायत के आधार पर किरण बेदी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने को कहा है, वह शिकायत प्रथम दृष्टया ही झूठी है और दुर्भावना से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि किरण के खिलाफ यह शिकायत धोखाधड़ी के लिए नहीं बल्कि जनलोकपाल के लिए आंदोलन चलाने की प्रतिक्रिया में दाखिल की गई।
संवाददाता सम्मेलन में किरण बेदी अपने वकील सोमनाथ भारती के साथ मौजूद थीं, लेकिन दिलचस्प रूप से उन्होंने संवाददाताओं से कोई बातचीत नहीं की। दिल्ली पुलिस ने अदालती निर्देश के आधार पर किरण के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने गैर-सरकारी संगठनों के लिए निर्धारित कोष के साथ अनियमितता की।
दिल्ली के एक वकील ने यह शिकायत दाखिल की थी कि किरण ने अपने एनजीओ के बैनर तले मुफ्त कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने के नाम पर अर्धसैनिक बलों तथा पुलिस संगठनों को कथित तौर पर ‘लूटा’। वकील देवेंद्र सिंह चौहान का आरोप है कि किरण के संगठन को माइक्रोसॉफ्ट से 50 लाख रुपये से अधिक का दान मिला ताकि उनका एनजीओ बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ तथा राज्य पुलिस संगठनों के कर्मियों और परिजनों को मुफ्त कम्प्यूटर शिक्षा दे सके।
केजरीवाल ने दावा किया कि किरण बेदी पर लगे आरोपों के विपरीत वेदांता फाउंडेशन ने हाल ही में एक पत्र लिखकर कहा है कि कामकाज अच्छी तरह से हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए अगली किस्त जारी करने की बात कही है। अगर काम में गड़बड़ी होती तो ये संगठन इस तरह के पत्र क्यों लिखते। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य अदालत की अवमानना करना नहीं है लेकिन उन्हें लगता है कि टीम अन्ना
के कार्यकर्ताओं की छवि खराब करने के मकसद से इस तरह की शिकायतें दाखिल की जा रही हैं।
लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही संसद की स्थायी समिति का कामकाज अभी खत्म नहीं होने के बावजूद विरोध प्रदर्शनों की घोषणा करने के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि समिति अपना काम कर रही है लेकिन हम लोगों को जागरूक बनाने के लिए विरोध-प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए 11 दिसंबर की तारीख चुनी गई है। उन्होंने कहा कि अगर स्थायी समिति पुख्ता सिफारिशें नहीं करती हैं तो हम 27 दिसंबर से फिर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 29, 2011, 12:04