Last Updated: Friday, February 1, 2013, 12:59

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : एक ओर जहां गांधीवादी और प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार के जनलोकपाल विधेयक के मसौदे को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे जनलोकपाल विधेयक के आने से कोई फायदा नहीं होने वाला, वहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी और कार्यकर्ता किरण बेदी ने संशोधित लोकपाल बिल के मसौदे का समर्थन किया है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि यह (संशोधित लोकपाल बिल) हमारे पैमाने पर खड़ा उतरता है और हमारे अधिकांश बिंदुओं को पूरा करता है।
एक निजी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा कि संशोधित लोकपाल बिल हमारे अधिकांश मांगों को पूरा करता दिख रहा है। टीम अन्ना की अहम सदस्य बेदी ने यह भी कहा, अब ऐसे में समय में इसका विरोध छोड़ देना चाहिए।
लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक में सरकारी संशोधन पेश करने के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मुहर लगने के कुछ घंटे के बाद किरण बेदी ने सोशल नेटवर्किेंग साइट ट्वीटर भी अपनी प्रतिक्रिया जारी की।
किरण ने लिखा, ` यदि प्रस्तावित लोकपाल बिल के साथ हम शुरुआत करते हैं तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा। समय के साथ आगे बढ़ने पर इसमें सुधार किया जाते रहना चाहए। यह उच्च शक्ति से युक्त है और इसमें वजन भी रहेगा। (Kiran Bedi (@thekiranbedi) 31 जनवरी, 2013)। बेदी का यह समर्थन कई मायनों में अहम है। वहीं, समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित जनलोकपाल विधेयक के मसौदे को खारिज करते हुए गुरूवार को कहा कि ऐसे जनलोकपाल विधेयक के आने से कोई फायदा नहीं होने वाला है। पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा सशक्त जनलोकपाल विधेयक लाना चाहिए जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि जनलोकपाल को लेकर सरकार नाटक कर रही है।
उन्होंने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्वयत्ता देने की मांग करते हुए कहा कि वे अपनी जनलोकपाल की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक कि सरकार एक सशक्त जनलोकपाल विधेयक नहीं लाती। उन्होंने कहा कि फरवरी से वे देश के सभी राज्यों में जाएंगे और लोगों को संगठित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए जगाऐंगे। अन्ना ने यह भी चेतावनी दी कि यदि यूपीए सरकार कमजोर लोकपाल लाएगी तो देश भर में जबरदस्त आंदोलन चलाएंगे।
उधर, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं लाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और जोर देते हुए कहा कि इस प्रस्तावित कानून से भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि आपको ऐसा लोकपाल क्यों चाहिए? जो एजेंसी भ्रष्टाचार को रोकेगी नहीं, बल्कि बढ़ाएगी और मंत्रियों को बचाएगी, उस पर क्या बात की जाए।
First Published: Friday, February 1, 2013, 12:59