Last Updated: Monday, November 28, 2011, 16:30
नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को अपनी जांच इकाई से कहा कि वह माओवादी नेता किशनजी के मारे जाने की घटना के बारे में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दे। पश्चिम बंगाल में कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के फर्जी मुठभेड में मारे जाने के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने यह कदम उठाया है।
आयोग ने अपने महानिदेशक (जांच) से कहा कि वह सभी साक्ष्य जुटायें और छह सप्ताह में आवश्यक रिपोर्ट दाखिल करें। 58 वर्षीय किशनजी भाकपा-माओवादी का पोलितब्यूरो सदस्य था और संगठन में तीसरे नंबर पर माना जाता था। वह 24 नवंबर को पश्चिम मिदनापुर के जंगलों में मारा गया। किशनजी के परिवार वालों और माओवादी विचारक वरवर राव सहित सहयोगियों का आरोप है कि किशनजी को पहले यातना दी गई और फिर फर्जी मुठभेड में मार दिया गया।
राव ने कहा है कि किशनजी को अमानवीय यातना दी गई क्योंकि उसके शरीर पर चोटों के कई निशान पाए गए। पकड़े जाने के 24 घंटे बाद उसकी फर्जी मुठभेड में हत्या कर दी गई। उन्होंने इस मुठभेड के बारे में श्वेत पत्र लाये जाने की मांग की है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 28, 2011, 22:00