Last Updated: Sunday, June 30, 2013, 11:18

भोपाल : भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती ने कहा है कि उत्तराखण्ड में बारिश और बाढ़ की वजह से मची तबाही मानवीय भूलों का नतीजा है और इसे कुछ उपाय करके टाला जा सकता था।
उमा ने आज यहां बातचीत में कहा, ‘मुझे लगता है कि भारी बारिश के कारण उत्तराखण्ड में जो तबाही मची उसे रोका तो नहीं जा सकता था, लेकिन अगर समय रहते कुछ उपाय कर लिए जाते तो लोगों की कीमती जानें जरूर बचाई जा सकती थीं।’ उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 14 जून को बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जो अगले तीन दिन तक जारी रहा। इस दौरान इतना पानी गिरा कि केदारनाथ धाम के ऊपर स्थित गांधी सरोवर पानी से लबालब भर गया और उससे पानी बह निकला।
उमा का कहना है कि यदि बारिश शुरू होने के बाद खतरे को भांपकर समय रहते कदम उठाए जाते और तीर्थयात्रियों को केदारनाथ एवं अन्य धार्मिक स्थलों से इन तीन दिनों में सुरक्षित निकाल लिया जाता तो बड़ी तादाद में मौतें टाली जा सकती थीं। साध्वी उमा ने कहा कि उत्तराखण्ड के श्रीनगर में पनबिजली परियोजना निर्माण के लिए प्राचीन एवं ऐतिहासिक धारी माता मंदिर विस्थापित किया जाना था और मंदिर से धारी माता की मूर्ति हटाई गई थी, जिसके बाद इस पर्वतीय राज्य में प्रलय जैसी स्थिति निर्मित हुई।
भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा हालांकि वह यह नहीं कहना चाहतीं कि धारी माता मंदिर विस्थापन की वजह से यह तबाही आई, लेकिन परंपरागत रूप से माना जाता है कि धारी माता, चारों धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं और उत्तराखण्ड की जनता की रक्षक माता हैं। उन्होंने कहा कि धारी माता मंदिर विस्थापन के खिलाफ अन्य लोगों के साथ उन्होंने भी अभियान चलाया था, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी गई। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ‘बिजली माफिया’ के दबाव में यह कदम उठाया गया हो, जो वहां मंदिर की जगह एक बड़ा उर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहता था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 30, 2013, 11:18