Last Updated: Thursday, September 13, 2012, 08:24

नई दिल्ली: कोयला खदानों के आवंटन को लेकर जारी विवाद के बीच अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) निजी कंपनियों को दिये गये कुछ कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने की सिफारिश करने को लगभग तैयार है। इसके अलावा कई अन्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। समूह 29 मामलों की समीक्षा कर रहा हे।
आईएमजी ने कम-से-कम छह मामलों की जांच की। यह जांच इस संदर्भ में की गयी कि आखिर निर्धारित समयसीमा के भीतर उत्पादन क्यों नहीं शुरू हुआ। आईएमजी ने पिछले सप्ताह 29 कोयला खदानों के प्रतिनिधियों का पक्ष सुना। ये उन 58 कोयला खदानों में शामिल है जिसको लेकर विवाद है।
सूत्रों ने कहा कि समूह की 29 कोयला खदानों की जांच का काम पूरा करने के लिये दो और बैठक होगी। अगली बैठक शुक्रवार को है।
आईएमजी की सिफारिशों के आधार पर कोयला मंत्रालय अगले सप्ताह अपनी सिफारिशों की घोषणा कर सकता है। आईएमजी को अपनी सिफारिश 15 सितंबर तक देनी है।
सूत्रों ने बताया कि कुछ मामलों में खदानों का आवंटन रद्द हो सकता है जबकि कई अन्य के खिलाफ बैंक गारंटी को भुनाने समेत दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
आईएमजी के एक सदस्य ने कहा, ‘कुछ निर्णय किये गये हैं जो आवंटन रद्द करने के बारे में हो सकता है।’’ हालांकि सदस्य ने यह नहीं बताया कि कितने खदानों का आवंटन रद्द होगा। सूत्रों के अनुसार जिन मामलों में यह पाया गया है कि मंजूरी के अभाव जैसे जायज कारणों से उत्पादन शुरू नहीं हो पाया, उन्हें ‘आगाह’ करते हुए छोड़ा जा सकता है।
इस बीच, वित्त मंत्रालय ने भी खदानों का आवंटन रद्द करने को हरी झंडी दे दी है। पूर्व में मंत्रालय ने कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने का कथित तौर पर विरोध किया था।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘वित्त मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा कि आईएजी कोयला ब्लाक आवंटन रद्द करने की सिफारिश की दिशा में आगे बढ़ सकता है। इससे पहले, वित्त मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि कोयला खदानों का आवंटन रद्द करने से वित्तीय तथा कानूनी समस्याएं हो सकती हैं।
इस बारे में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अरविंद मायाराम ने कहा, ‘जहां तक वित्त मंत्रालय या कोयला मंत्रालय का सवाल है, विचारों में कोई मतभेद नहीं है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 13, 2012, 08:24