Last Updated: Friday, August 31, 2012, 12:55

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : कुडनकुलम परमाणु संयंत्र को चालू करने की दिशा में और शुक्रवार को एक अहम फैसला आया। मद्रास हाईकोर्ट ने आज बहुप्रतीक्षित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्रोजेक्ट के संचालन को लेकर आगे बढ़ने की अनुमति दे दी।
इस संबंध में एक याचिका का निपटारा करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कुडनकुलम संयंत्र के यूनिट एक और यूनिट दो को चालू करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि इस संयंत्र से अभी पर्यावरण संबंधी क्लीयरेंस लंबित है। इसके अलावा, कोर्ट ने कुडनकुलम संयंत्र के आसपास स्कूल और अस्पताल स्थापित करने का आदेश दे दिया।
इस संयंत्र को पर्यावरण संबंधी अनुमति को लेकर जी. सुंदरराजन ने याचिका दायर की थी और इस प्रोजेक्ट में रूसी रियेक्टर स्थापित करने पर प्रतिबंध की मांग की थी।
इससे पहले, कुडनकुलम संयंत्र को चालू करने की दिशा में और एक कदम बढ़ाते हुए भारत के परमाणु नियामक ने परियोजना की पहली इकाई के लिए ईंधन भरने की अनुमति दे दी। विवादों के कारण इसमें विलंब हुआ था।
परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) अध्यक्ष एसएस बजाज ने मुंबई से बताया कि सुरक्षा समिति की अनुशंसा के आधार पर हमने ईंधन भरने की अनुमति दे दी। एईआरबी से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की 1000 मेगावाट की पहली इकाई में 163 फ्यूल असेंबली को लोड करना शुरू कर देगा। गौरतलब है कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना का विकास रूसी सहयोग से किया जा रहा है।
1000 मेगावाट का रूसी रिएक्टर ईंधन के लिए संवर्धित यूरेनियम और हल्के जल को प्रशीतक और मंदक के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। एनपीसीआईएल के अनुप्रयोग और सुरक्षा समिति की रिपोर्ट की एईआरबी की कल हुई बैठक में समीक्षा की गई। शुरुआती ईंधन भरने और परिचालन की पहली प्रक्रिया एईआरबी अधिकारियों की निगरानी में की जाएगी और एईआरबी द्वारा स्वीकृत प्रक्रियाओं के अनुपालन की पुष्टि की जाएगी। ईंधन को लोड करने के बाद एनपीसीआईएल एकबार फिर एईआरबी के पास आएगी ताकि चरणबद्ध तरीके से रिएक्टर की क्षमता के स्तर में वृद्धि की अनुमति मांगी जा सके।
First Published: Friday, August 31, 2012, 12:55