Last Updated: Sunday, July 14, 2013, 15:38

तिरूनेलवेली (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के कुडनकुलम स्थित देश के पहले 1,000 मेगावाट के दाबानुकूलित जल रिएक्टर (प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर) में अगस्त से पहले बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस संयंत्र में बीती रात 11 बज कर करीब पांच मिनट पर ‘बोरोन तनुकरण प्रक्रिया’ के कारण न्यूट्रॉन का सांद्रण (कॉन्सनट्रेशन) बढ़ते ही परमाणु विखंडन (न्यूक्लियर फिज़न) शुरू हो गया और देश के परमाणु कार्यक्रम में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हो गई।
भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड के विशेषज्ञ, रशियन कुर्सातोव इन्स्टीट्यूट ऑफ एटॉमिक एनर्जी तथा परमाणु उर्जा नियामक बोर्ड के पर्यवेक्षकों ने प्रक्रिया की निगरानी की। परमाणु उर्जा आयोग के अध्यक्ष एस के सिन्हा ने कल कहा कि ‘प्रॉसेस ऑफ क्रिटिकैलिटी’ बृहस्पतिवार की रात 11 बज कर 45 मिनट पर शुरू हुई जब नियंत्रण छड़ों (कंट्रोल रॉड्स) को बोरोन तनुकरण (बोरोन डायल्यूशन) के लिए निकाला गया।
उन्होंने बताया कि रिएक्टर के कोर में न्यूट्रॉन बहुलीकरण (न्यूट्रॉन मल्टीप्लीकेशन) शनिवार की दोपहर शुरू हुआ और बोरोन तनुकरण की प्रक्रिया आधी रात तक खत्म होगी जिसके बाद कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र एक अहम मुकाम हासिल कर लेगा।
सिन्हा ने बताया ‘यह 21 वां परमाणु उर्जा संयंत्र है और हल्के जल रिएक्टर श्रेणी के अंतर्गत देश का पहला दाबानुकूलित जल संयंत्र है।’ टरबाइन 40 दिन में उपयोग के लिए बिजली उत्पादन करने लगेगा। प्रथम चरण में यूनिट अपनी क्षमता का सिर्फ 50 फीसदी उत्पादन करेगा। उसके बाद दूसरे चरण में 70 फीसदी तथा तीसरे चरण में 90 फीसदी उत्पादन होगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 14, 2013, 15:38