Last Updated: Sunday, December 18, 2011, 08:36
नई दिल्ली : कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शनों में विदेशी हाथ होने का संदेह जताते हुए सरकार ने तमिलनाडु में छह गैर सरकारी संगठनों के कामकाज की जांच शुरू की है और उनसे विदेशों से मिली राशि के उपयोग के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कुडनकुलम परमाणु संयंत्र रूस की मदद से तैयार किया जा रहा है और इस पर करीब 14 हजार करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इस संयंत्र को चालू करने के लिए प्रयासरत सरकार परियोजना से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने का भी प्रयास कर रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि संदेह है कि प्रदर्शनों को देश के बाहर से हवा दी जा रही है और आईबी ने इस संबंध में जांच शुरू की है।
सूत्रों ने कहा कि प्रदर्शनों के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। और इस पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू की गयी है। गृह मंत्रालय ने तूतिकोरिन में स्थित छह गैर सरकारी संगठनों को नोटिस जारी किया है और उनसे विदेशी योगदान कानून के तहत मिली राशि के उपयोग के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। सूत्रों ने हालांकि इन गैर सरकारी संगठनों की पहचान उजागर नहीं की।
सूत्रों ने सवाल किया, ‘बिना पैसों के, वे 100 दिनों से कैसे आंदोलन जारी रख सकते हैं।’ सरकार स्वीकार करती है कि स्थानीय लोगों के साथ संवादहीनता की स्थिति रही है और वे अपने आसपास परमाणु संयंत्र के निर्माण को लेकर आशंकित हैं। जापान में फुकुशिमा परमाणु संकट के बाद लोगों की आशंकाएं बढ़ गयी हैं।
सूत्रों ने कहा कि संवादहीनता की स्थिति का शरारती तत्वों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार की योजना परमाणु संयंत्र की सुरक्षा के मद्देनजर लोगों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की है।
उन्होंने बताया कि कुडनकुलम संयंत्र की सुरक्षा को लेकर जतायी जा रही आशंकाएं निराधार हैं और सुनामी सहित सभी प्रकार की आकस्मिक स्थितियों को ध्यान में रखकर सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 19, 2011, 00:33