Last Updated: Thursday, January 3, 2013, 14:59

कोलकाता : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यहां गुरुवार को कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित सभी सरकारी नीतियों के लिए कृषि में बदलाव सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के शताब्दी समारोह में कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की तीव्र और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वंचितों की जरूरतें पूरी करने के लिए तथा अमीरों तथा गरीबों के बीच की खाई पाटने के लिए हमें विज्ञान के उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार सुबह यहां साल्ट लेक स्टेडियम में समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार नीति भी जारी की, जिसमें 2020 तक भारत को दुनिया की शीर्ष पांच वैज्ञानिक शक्तियों में शामिल करने का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम का विषय `भारत का भविष्य बनाने के लिए विज्ञान` भारतीय वैज्ञानिकों की हर पीढ़ी के सपने का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि कृषि में बदलाव हमारी सरकारी नीति की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति भी शामिल है। मनमोहन सिंह ने कहा कि समावेशी समाज के निर्माण में विज्ञान की मदद ली जानी चाहिए, जिसमें विज्ञान की मदद से सामाजिक समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। तीन से सात जनवरी तक होने वाले समारोह में छह नोबेल पुरस्कार विजेता, विदेश से 60 वैज्ञानिक, 15 हजार प्रतिभागी तथा छात्र शामिल होंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 3, 2013, 14:59