Last Updated: Monday, January 16, 2012, 05:48
बेंगलुरू/नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने सोमवार को उम्मीद जताई कि श्रीलंका में तमिल भाषी अल्पसंख्यकों और सरकार के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों का एक स्थायी राजनीतिक समाधान निकल जाएगा।
कृष्णा ने चार दिनों की यात्रा पर श्रीलंका रवाना होने से पहले आईएएनएस से कहा, "जातीय तमिलों के मुद्दों का स्थायी समाधान निकालना श्रीलंका के हित में है।"
कृष्णा ने इस बात का उल्लेख किया कि सभी लम्बित मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए श्रीलंका सरकार को तमिल भाषी अल्पसंख्यकों के नुमाइंदों और अपने नेतृत्व के साथ बातचीत करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका में इस विवादित मुद्दे के लिए भारतीय रुख एक वास्तविक राष्ट्रीय समझौते और एक स्थायी राजनीतिक समाधान के लिए रहा है।
उम्मीद की जा रही है कि कृष्णा तमिल मुद्दे सहित विभिन्न मसलों पर अपने श्रीलंकाई समकक्ष जी. एल. पेरीज से चर्चा करेंगे। साथ ही कृष्णा एक-दूसरे की समुद्री सीमा में पकड़े गए मछुआरों की रिहाई और संयुक्त रूप से मत्स्य पालन के लिए एक समझौते पर वार्ता में तेजी लाएंगे।
कृष्णा अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और प्रधानमंत्री डी.एम. जयरत्ने से मिलेंगे और उनके साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता करेंगे।
इसके अलावा कृष्णा तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के प्रतिनिधियों से मिलेंगे और प्रांतों को प्रस्तावित अधिकारों के हस्तांतरण पर कोलम्बो के साथ उनकी वार्ता में हुई प्रगति पर विचार जानेंगे।
गठबंधन प्रांतों को भूमि एवं पुलिस का अधिकार दिए जाने की मांग कर रहा है, जबकि राजपक्षे ने साफ कर दिया है कि प्रांतों को ये शक्तियां नहीं दी जाएंगी।
कृष्णा युद्ध में प्रभावित हुए लोगों के लिए भारत के सहयोग से 50,000 मकानों के निर्माण से सम्बंधित परियोजना की भी समीक्षा करेंगे। वह दक्षिण रेलवे परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक कृष्णा की यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका आवास, रेलवे, कृषि और दूरसंचार के क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
First Published: Monday, January 16, 2012, 11:18