Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 12:56
पटना : संप्रग सरकार के लोकपाल विधेयक के मसविदे को कमजोर बताते हुए भाकपा महासचिव एबी बर्धन ने बुद्धवार को कहा कि इसमें संशोधन करने की दरकार है।
वर्धन ने यहां संवाददाताओं से कहा, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सशक्त और कारगर लोकपाल बनाने की दरकार है। केंद्र सरकार ने लोकपाल विधेयक का जो मसविदा तैयार किया है, वह अत्यंत कमजोर है। भाकपा की स्पष्ट मांग है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण कानून सहित अन्य आपराधिक कानूनों में जब प्रधानमंत्री को छूट प्राप्त नहीं है तो लोकपाल से छूट देने का कोई मतलब नहीं है। सरकार को समूह क, ख और ग के कर्मचारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए। भले ही लोकपाल का दायरा बढेगा, लेकिन ऐसा तंत्र विकसित करना होगा ताकि लोकपाल का अधिकार क्षेत्र व्यापक हो।
वर्धन ने कहा कि सीबीआई को भी सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए। इससे सरकारों द्वारा राजनीतिक उद्देश्य के लिए सीबीआई का दुरुपयोग रुकेगा।
न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे से अलग रखने का पक्ष लेते हुए वर्धन ने कहा, न्यायपालिका के लिए अलग से राष्ट्रीय न्यायपालिका आयोग का गठन किया जाना चाहिए। यह 10-15 वर्ष पुरानी मांग है। इस आयोग को जजों की नियुक्ति, उनकी प्रोन्नति और स्थानांतरण का अधिकार दिया जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 18:26