Last Updated: Thursday, April 25, 2013, 21:10
लखनऊ : कालेधन को लेकर देश में प्रदर्शनों और सरकार से विदेशों में जमा काला धन वापस लाने की मांग भले ही कई बार उठ चुकी है, लेकिन सरकार के पास इसे लेकर कोई हिसाब नहीं है। यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है।
राजधानी लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने प्रधानमंत्री कार्यालय के जन सूचना अधिकारी से 13 मार्च 2013 को काले धन का आकलन करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकनोमिक रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेन्सियल मैनेजमेंट को अधिकृत करने संबंधी भारत सरकार के आदेश की सत्यापित प्रति मांगी थी।
इसके अलावा काले धन का आकलन करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी, नेशनल कौंसिल फॉर एप्लाइड इकनोमिक रिसर्च तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेनसिअल मैनेजमेंट द्वारा भारत सरकार को दी गई रिपोर्ट की सत्यापित प्रति भी मांगी गई थी।
उर्वशी ने वित्त वर्ष 1947-48 से 2012-13 तक भारत में जमा काले धन की धनराशि की सूचना वित्त वर्ष वार और 15 अगस्त 1947 से 13 मार्च 13 तक विदेशों में भारतीय नागरिकों द्वारा जमा काला धन को वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी पीएमओ से सूचना मांगी थी। इसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने उर्वशी का पत्र भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव को स्थानांतरित कर दिया। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के जनसूचना अधिकारी ने उर्वशी को काला धन के आकलन के बारे में दिए जवाब में कहा है कि स्टडी रिपोर्ट अभी प्रक्रियाधीन है, लेकिन अधिनियम की धारा 8(1)ब व 8(1)(म) के तहत इन मामलों में सूचना प्रतिबंधित हैं और नहीं दी जा सकती है।
उर्वश के वित्तीय वर्ष 1947-48 से 2012-13 तक भारत में जमा काले धन की धनराशि की सूचना वित्तीय वर्षवार दिए जाने के बारे में कहा गया है कि भारत सरकार के पास देश में एवं देश के बाहर काले धन का कोई सही आकलन नहीं है लेकिन आकलन इस माह के अंत तक भारत सरकार के पास आने की संभावना है। इसके अलावा 15 अगस्त 1947 से 13 मार्च 13 तक विदेशों में भारतीय नागरिकों द्वारा जमा काले धन की धनराशि को भारत वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा किये गए प्रयासों के बारे में सूचना में बताया गया है कि अब तक टैक्स चोरी के 600 करोड़ के प्रकरण सामने आए हैं जिनमें से 200 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, April 25, 2013, 21:10