केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं : शरद

केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं : शरद

केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं : शरदपटना : तृणमूल कांग्रेस द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के मद्देनजर केंद्र की संप्रग सरकार के खिलाफ राजग द्वारा संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने की योजना से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आज इनकार किया।

यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘संप्रग सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की राजग की कोई योजना नहीं है। तृणमूल कांग्रेस द्वारा समर्थन वापसी के मद्देनजर संप्रग सरकार द्वारा लोकसभा में बहुमत साबित करने के लिए दबाव बनाने का राजग का कोई विचार नहीं है।’ जदयू नेता ने कहा, ‘ऐसा करके हम पूर्व में अपने हाथ जला चुके हैं। दोबारा ऐसा करने का कोई विचार नहीं है। भारत-अमेरिका परमाणु करार 2008 को लेकर वामपंथी दलों द्वारा समर्थन वापसी के बाद संप्रग-एक के दौरान उस समय गठबंधन ने किसी प्रकार संसद में बहुमत जुटा लिया था।’

उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापार में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश को लेकर येन केन प्रकारेण केंद्र सरकार को अपदस्थ करने के विचार का राजग विरोध करता है। सरकार में बने रहने या फिर से जनादेश प्राप्त करने का फैसला संप्रग सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को करना है। खुदरा व्यवसाय में एफडीआई लाने का विरोध करते हुए जदयू नेता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में सत्तारुढ़ गठबंधन को परास्त करने के लिए राजग लोकशाही (जनता की ताकत) की मदद लेगा। जनता की मदद से सुनिश्चित किया जाएगा कि मनमोहन सिंह और मोंटेक सिंह अहलुवालिया जैसे लोग दोबारा सत्ता में न आएं।

यादव ने देश में बढ़ती महंगाई, बढ़ते राजकोषीय घाटे और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को लेकर केंद्र सरकार को स्थिति साफ करने को कहा। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में राष्ट्रपति के सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय कि प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के लिए नीलामी प्रक्रिया ही एकमात्र मान्य तरीका नहीं है। इस निर्णय को यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से मैं असहमत हूं। कोल ब्लॉक आवंटन मामले में घोटाले में कांग्रेस और संप्रग सरकार के जितने भी मंत्रियों के नाम उजागर हुए हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।’

राजग के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को कोल ब्लाक आवंटन घोटाले मामले में दागी मंत्रियों और सांसदों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। इसे लेकर अदालत के फैसले का इंतजार नहीं करना चाहिए। दो दशक पहले हवाला कांड में नाम आते ही लालकृष्ण आडवाणी ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। एफडीआई पर विरोध में विपक्षी दलों को एकजुट करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले यादव ने कहा कि नयी दिल्ली में वह सोमवार को ममता बनर्जी के राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे।

शरद यादव ने 162 सांसदों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की रिपोर्ट के आधार पर सिविल सोसाइटी संगठनों द्वारा सभी सांसदों को भ्रष्ट करार दिये जाने की आलोचना की। अधिकार यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा के दौरान विरोध प्रदर्शन पर यादव ने कहा, ‘अधिकार यात्रा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक अभियान है। इस अभियान का असली मकसद बिहार को विकसित और समृद्ध बनाना है। पूर्व में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बिहार को प्राकृतिक संसाधनों की कमी के मद्देनजर हरसंभव मदद का भरोसा दिया था। यह सरकार का वादा था। केंद्र सरकार को उस वादे को अभी पूरा करना चाहिए और विशेष राज्य का दर्जा बिहार को देना चाहिए।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 30, 2012, 19:11

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