केंद्र सरकार ने 20 महीने बाद सुधारी बड़ी भूल -Government rectified the blunder after 20 months

केंद्र सरकार ने 20 महीने बाद सुधारी बड़ी भूल

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के आरोप की जांच के संबंध में सीबीआई और सीवीसी तथा अन्य विभागों को भेजे गये एक प्रमुख दिशा निर्देश में संयुक्त सचिव स्तर तक के अधिकारियों को शामिल कर लिया गया है और सरकार ने करीब 20 महीने बाद अपनी भूल को सुधार लिया ।

तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह ने सरकार को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि ‘संयुक्त सचिव या उसके उपर की रैंक’ के भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ सीबीआई और अन्य विभागों को जांच की अनुमति देने का फैसला प्रधानमंत्री करेंगे । मंत्री समूह की इस सिफारिश को सरकार ने स्वीकार कर लिया था ।

इसके बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने इसे क्रियान्वित करने के लिये सितंबर 2011 में केंद्र सरकार के सभी विभागों और सीबीआई को एक कार्यालयीय ज्ञापन जारी किया था और इसमें भूल से ‘संयुक्त सचिव और इसके उपर’ के अधिकारियों के बजाय संयुक्त सचिव के ‘उपर’ के अधिकारी लिख दिया गया था । इस भूल की वजह से दिशा निर्देश के दायरे में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी नहीं आये ।

दो दिन पहले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने एक शुद्धिपत्र जारी करते हुये कहा कि इस दिशा निर्देश को संयुक्त सचिव के ‘उपर’ के अधिकारी के बजाय ‘संयुक्त सचिव और इसके उपर’ के अधिकारी पढ़ा जाये । उल्लेखनीय है कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून, 1946 की धारा 6 (ए) के मुताबिक संयुक्त सचिव और उसके उपर के अधिकारियों से कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई कोई भी जांच या पूछताछ नहीं करेगी । (एजेंसी)

First Published: Friday, June 14, 2013, 15:21

comments powered by Disqus