केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप गलत: मनमोहन - Zee News हिंदी

केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप गलत: मनमोहन

नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज राज्यों को आश्वस्त किया कि किसी भी राज्य के साथ कोई पक्षपात नहीं बरता जा रहा है और केन्द्र सभी के साथ उचित और पारदर्शी व्यवहार के लिये प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही राज्यों ने सालाना नौ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को लेकर तैयार 12वीं योजना के दृष्टिपत्र को मंजूरी दे दी।

 

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को यहां हुई राष्ट्रीय विकास परिषद की 56वीं बैठक में राज्यों ने मोटे तौर पर 12वीं पंचवर्षीय योजना (अप्रैल 2012 से मार्च 2017) के दृष्टिपत्र पर मुहर लगा दी और अब इसी के आधार पर योजना दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जाएगा।

 

बैठक के समापन संबोधन में सिंह ने कहा ‘कई मुख्यमंत्रियों ने दृष्टिपत्र में शमिल मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। कुछ मुद्दों पर अलग विचार व्यक्त किए गए, लेकिन दस्तावेज में दिए गए उद्देश्यों पर मोटे तौर पर सहमति दिखाई दी।’ कुछ राज्यों द्वारा उनके साथ केन्द्र द्वारा पक्षपात बरते जाने की शिकायत पर प्रधानमंत्री ने कहा ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि केंद्र सरकार सभी राज्यों के साथ उचित और पारदर्शी व्यवहार के लिए प्रतिबद्ध है। यदि ऐसी धारणा है कि उनके साथ पक्षपात हो रहा है तो यह वास्तविकता पर आधारित नहीं है।’

 

उन्होंने कहा ‘यह सही है कि हम गरीब राज्यों को अधिक समर्थन दे रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है हम विकसित राज्यों के साथ पक्षपात बरत रहे हैं।’ मनमोहन सिंह ने इससे पहले सभी राजनीतिक दलों और मुख्यमंत्रियों से देश को तीव्र आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश के गुणवत्तापरक विकास और वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए राज्यों को केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

 

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी राजनीतिक दलों से दलगत राजनीति से उपर उठकर आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने वाले विधेयकों को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्रतिबद्धता देश के प्रति होनी चाहिए। उन्होंने राज्यों से कृषि उत्पाद विपणन समिति कानून में उचित सुधार लाने और खाद्य सुरक्षा के मामले में केंद्र के साथ मिलकर जवाबदेही बांटने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली ढांचे को बेहतर बनाना जरूरी है।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि नौ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य पर किसी भी राज्य ने कोई सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि आयोग नौ प्रतिशत सालाना औसत वृद्धि के लक्ष्य को लेकर ही 12वीं योजना को अंतिम रूप देगा। मौजूदा 11वीं पंचवर्षीय योजना में औसत वार्षिक वृद्धि 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

 

इससे पहले उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, गुजरात और बिहार के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र द्वारा राज्यों के साथ पक्षपात बरते जाने की शिकायत की। उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता भी बैठक में उपस्थित नहीं थी। उनका भाषण उनके प्रतिनिधियों ने पढ़ा जिसमें केन्द्र पर राज्यों को कमजोर करने का आरोप लगाया गया।

 

बैठक में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, कृषि मंत्री शरद पवार और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, गृहमंत्री पी. चिदंबरम, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, शहरी विकास मंत्री कमलनाथ सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रमुख उपस्थित थे। (एजेंसी)

 

 

First Published: Sunday, October 23, 2011, 08:54

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