केंद्रीय कैबिनेट में भारी फेरबदल की कवायद हुई तेज

केंद्रीय कैबिनेट में भारी फेरबदल की कवायद हुई तेज

केंद्रीय कैबिनेट में भारी फेरबदल की कवायद हुई तेजज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्ली : यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को अपने आवास दस जनपथ पर कांग्रेस के कई वरिष्‍ठ नेताओं के साथ केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल को लेकर विचार-विमर्श किया। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्‍व मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर जल्‍द बदलाव को लेकर गंभीर है। ताकि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुधार एजेंडे को और गति दी जा सके।

इसी कवायद के तहत सोनिया ने आज सड़क एवं परिवहन मंत्री सीपी जोशी, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री पृथ्‍वीराज चौहान, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री गुलाम नबी आजाद से मुलाकात की। इन मुलाकातों के दौरान कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता अहमद पटेल भी मौजूद थे।

जोशी ने आज ही रेल मंत्रालय का कामकाज संभाला है। सोनिया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से भी मुलाकात की। चव्हाण का नाम भी कैबिनेट में शामिल होने वाले नए मंत्रियों के रूप में लिया जा रहा है।

कांग्रेस के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी मोहन प्रकाश भी सोनिया गांधी से मिले। कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद, पार्टी के कोषाध्यक्ष मातीलाल वोरा और अपने राजनीतिक सचिव अहमद पटेल से भी चर्चा की।

तृणमूल कांग्रेस के छह मंत्रियों के इस्तीफा दिये जाने के बाद पश्चिम बंगाल के दो तीन कांग्रेस नेताओं को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में जगह मिलने की उम्मीद की जा रही है। मंत्रिमंडल में कई ऐसे वरिष्ठ मंत्री हैं जो दो-दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, इनमें कपिल सिब्बल, बेनी प्रसाद वर्मा, सी पी जोशी, वयलार रवि और वीरप्पा मोइली शामिल है। संभावित फेरबदल में इन मंत्रियों के जिम्मेदारी को कम किया जा सकता है।

गौर हो कि तृणमूल कांग्रेस के यूपीए सरकार से हटने के बाद इस हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट में बड़े पैमाने पर फेरबदल की संभावना है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से आर्थिक सुधारों के एजेंडे को अमल में लाने के संकेतों के मद्देनजर कैबिनेट में फेरबदल का मामला काफी अहम साबित हो सकता है। सड़क एवं परिवहन मंत्री सी पी जोशी को पहले ही रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा चुका है। रेल मंत्रालय करीब 16 साल बाद कांग्रेस के हाथ आया है। अटकलें तो इस तरह की भी हैं कि मंत्रालयों के वितरण में खास तौर पर ‘काबिलियत’ को तरजीह दी जाएगी ताकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज की जा सके।

तृणमूल कांग्रेस के छह मंत्रियों के इस्तीफे के बाद पश्चिम बंगाल के दो-तीन कांग्रेस नेताओं को मंत्री पद सौंपा जा सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी की पत्नी दीपा दासमुंशी और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के धुर विरोधी अधीर चौधरी को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य को भी मंत्री पद दिए जाने की उम्मीद है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवालय में भी बड़े फेरबदल होने हैं। अमेठी से सांसद राहुल गांधी को संगठन में और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

First Published: Monday, September 24, 2012, 13:55

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