Last Updated: Sunday, September 16, 2012, 18:02

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल और कांग्रेस शासित कुछ राज्यों में मुख्यमंत्रियों के बदले जाने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र में चार प्रमुख मंत्रालयों (गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्रालय) में किसी बदलाव की संभावना नहीं है। बहरहाल, कुछ नए लोग शामिल किए जाएंगे और मंत्रियों के प्रभार में कुछ बदलाव हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय का प्रभार है। उन्हें अतिरिक्त प्रभार से राहत दी जा सकती है। वीरप्पा मोइली और वायलार रवि जैसे मंत्रियों के पास क्रमश: कंपनी मामले और ऊर्जा तथा प्रवासी मामले और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दोहरे प्रभार हैं। सुशील कुमार शिंदे के गृहमंत्री बनने के बाद मोइली को ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार मिला था जबकि विलासराव देशमुख के निधन के बाद रवि को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार मिला था। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के पास संचार मंत्रालय का उस वक्त से प्रभार है, जब द्रमुक के ए. राजा को स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद के मद्दनेजर नवंबर 2010 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कुछ मंत्रियों को पार्टी संगठन में भेजे जाने की बात की जा रही है। द्रमुक के प्रतिनिधि राजा और दयानिधि मारन के दो साल से भी कम समय के अंदर इस्तीफा देने से दो मंत्री पद रिक्त हो गए। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के चार दिवसीय पश्चिम बंगाल यात्रा से सोमवार को राजधानी लौटने पर अगले कुछ दिनों में मंत्रियों के प्रभार में बदलाव देखने को मिल सकता है।
आम चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के बदले जाने की अटकलें हैं। आंध्र प्रदेश के एन. किरण कुमार रेड्डी, महाराष्ट्र के पृथ्वीराज चव्हाण और राजस्थान के अशोक गहलोत को हटाए जाने की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उच्च पदस्थ सूत्रों से अब तक कोई फैसला नहीं किए जाने की जानकारी मिली है। समझा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्रियों को केंद्र की सरकार में या कांग्रेस सचिवालय में रखने के बारे में सोच रही है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 16, 2012, 18:02