Last Updated: Sunday, May 13, 2012, 17:33
नई दिल्ली : केंद्रीय सचिवालय में संयुक्त सचिव स्तर की एक अधिकारी को थल सेनाध्यक्ष जनरल वी.के सिंह की ओर से हथियारों और उपकरणों की कमी के बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे ‘अति गोपनीय’ पत्र को लीक करने का जिम्मेदार ठहराया गया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने रविवार देर रात बताया कि इस महिला अधिकारी को उनके महत्वपूर्ण पद से हटा दिया गया है, जिसमें उन्हें खुफिया मामलों में अधिकार मिले हुए थे। सूत्रों का कहना है कि यह अधिकारी आईएएस और आईपीएस से इतर सेवा से जुड़ी हुई हैं। यह कार्रवाई सेनाध्यक्ष पत्र लीक मामले में हुई आईबी जांच के बाद की गई है।
इस पत्र के मीडिया में लीक होने से नाराज जनरल सिंह ने इसे ‘घोर राजद्रोह’ करार देकर इसके सूत्र के साथ ‘बेरहमी से पेश’ आने की मांग की थी। उधर, सरकार ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है। पत्र सूचना कार्यालय की प्रधान महानिदेशक नीलम कपूर ने कहा कि किसी अधिकारी को इस लीक का जिम्मेदार ठहराए जाने संबंधी रिपोर्ट ‘पूरी तरह से गलत’ है।
गौरतलब है कि 12 मार्च को लिखे गए इस पत्र के 28 मार्च को मीडिया में लीक होने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से लीक किया गया है या थलसेनाध्यक्ष ने इसे लीक किया है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में पीएमओ के आदेश पर हुई जांच में जनरल सिंह को मामले में किसी भी गलत कार्य में शामिल होने का दोषी नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ संदिग्ध लोगों से पूछताछ के बाद भारतीय आर्थिक सेवा की महिला अधिकारी का पता चला।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारी को फिलहाल उनके मूल कैडर में भेज दिया गया है और ऐसे संवेदनशील दस्तावेज लीक करने के लिए उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 14, 2012, 09:17