Last Updated: Friday, March 30, 2012, 06:35
नई दिल्ली : लोकसभा की ओर से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का सामना कर रहे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दोहराया कि संसद में आपराधिक छवि वाले सांसदों को शामिल करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
दिल्ली से लगे कौशाम्बी में अपने घर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 162 सांसदों के खिलाफ अदालत में कुल 522 आपराधिक मामले हैं। इनमें से 76 जघन्य अपराधों के मामले हैं। आपराधिक छवि वाले सांसदों को संसद में शामिल करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि साल 2004 में आपराधिक पृष्ठभूमि से 128 सांसद थे, लेकिन 2009 में यह संख्या बढ़कर 162 हो गई। उन्होंने कहा कि सांसदों के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले आम हैं। टीम अन्ना के केजरीवाल के साथी वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि सांसदों ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव की मूल भावना सांसदों को सवाल उठाने की आजादी देना है।
केजरीवाल ने सांसदों के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी पर लोकसभा सचिवालय से मिले विशेषाधिकार हनन नोटिस पर अपने जवाब में कहा कि उनको सजा देने से पहले उनको व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा जाए ताकि वो अपनी बातों को रख सकें। केजरीवाल ने विशेषाधिकार हनन नोटिसों का शुक्रवार को यह कहकर जवाब दिया कि वह ऐसे संस्थान का सम्मान कैसे कर सकते हैं जहां आपराधिक पृष्ठभूमि के सांसद हों। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि संसद को अपमान की स्थिति तक लाने के लिए सभी दल जिम्मेदार हैं क्योंकि आपराधिक पृष्ठभूमि के 162 सांसद इसमें प्रवेश करने में सफल रहे हैं ।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि एक संसद थी जिसमें लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन हादसे के बाद रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस तरह की संसद के लिए मैं कोई भी त्याग करना चाहूंगा लेकिन मैं आजकल की संसद का कैसे सम्मान करूंगा। केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे उद्योगपति विभिन्न दलों की मदद से संसद में प्रवेश करने में सफल रहे हैं, जिन्हें किसी जन सेवा के लिए नहीं जाना जाता।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 30, 2012, 18:35