Last Updated: Tuesday, November 6, 2012, 14:18

नई दिल्ली: टाटा समूह के बाद इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने भी मंगलवार को कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को राजनैतिक गतिविधियों के लिए कोई चंदा नहीं दिया। उन्होंने दो महीने पहले अरविंद की ओर से आर्थिक मदद के लिए किए गए निवेदन को अस्वीकार कर दिया।
वर्ष 2008 में मूर्ति केजरीवाल के पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन को पांच सालों के लिए प्रति वर्ष 25 लाख रूपए देने के लिए राजी हो गए थे। उन्होंने टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट को भी सूचना के अधिकार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संस्था को इतनी ही राशि देने के लिए तैयार किया था ।
मूर्ति ने एक बयान में कहा था कि जब केजरीवाल ने आर्थिक सहायता मांगने के लिए सितंबर 2012 में मुझसे संपर्क किया तो मैंने मना कर दिया था। अत: मैंने केजरीवाल की राजनैतिक गतिविधियों को आर्थिक सहयोग नहीं दिया है। अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार रोधी आंदोलन से अलग होने के बाद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार से लड़ने और बदलाव लाने के लिए एक राजनैतिक दल बनाने की घोषणा की थी।
बयान में मूर्ति ने कहा कि केजरीवाल ने सूचना के अधिकार के क्षेत्र में अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों और जनता के प्रयासों को पहचान दिलाने के लिए पुरस्कारों की स्थापना के लिए कोष के लिए वर्ष 2008 में उनसे संपर्क किया था। मूर्ति ने कहा कि मैंने 2008 व 2009 के लिए 25 लाख, 2010 के लिए 37 लाख, 2011 के लिए 25 लाख रूपए भेजे थे।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मारे गए आरटीआई कार्यकर्ताओं के परिवारों के सम्मान में कुछ अन्य पुरस्कारों और विजेताओं के यात्रा खर्च के वर्ष 2010 में 12 लाख के अतिरिक्त फंड की भी जरूरत थी।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने मुझे मई 2011 में भी लिखा था कि संस्था का लिपिकालय जन लोकपाल बिल बनाने में व्यस्त है इसलिए वे 2011 में पुरस्कार नहीं दे पाएंगे। उन्होंने मुझसे यह भी पूछा था कि क्या इस 25 लाख की राशि का इस्तेमाल जन लोकपाल बिल के प्रयास में आने वाले लिपिकीय खर्च में किया जा सकता है?
मूर्ति ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल का यह निवेदन स्वीकार कर लिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि देश को एक ‘उदार लेकिन प्रभावी’ लोकपाल बिल की जरूरत है।
हालांकि टाटा ने कल कहा था कि उन्होंने इस निवेदन को अस्वीकार कर दिया था और पीसीआरएफ ने वर्ष 2011 के लिए दिया गया टाटा का 25 लाख का फंड लौटा दिया था। इसके बाद से टाटा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से संस्था को कोई भी पैसा नहीं दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 6, 2012, 13:41