Last Updated: Friday, October 12, 2012, 15:04

नई दिल्ली: इंडिया अगेंस्ट करप्शन द्वारा कानून मंत्री सलमान खुर्शीद पर उनकी ओर से संचालित ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाये जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उनके त्यागपत्र और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार को विकलांग जनों के साथ यहां स्थित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास की ओर मार्च किया।
केजरीवाल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था लेकिन उनके कार्यालय ने उन्हें और विकलांग जनों को समय देने से इनकार कर दिया। मार्च का आयोजन राष्ट्रीय विकलांग पार्टी की ओर से किया गया था जिसे केजरीवाल के नेतृत्व वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन का समर्थन प्राप्त था।
मार्च जनपथ से शुरू हुआ लेकिन पुलिस ने उसे 100 मीटर के बाद ही राजपथ चौराहे पर रोक दिया। उन्होंने कह कि खुर्शीद ने कानून मंत्री के पद का अपमान किया है। इस पद पर एक समय में बी आर अंबेडकर कार्य कर चुके हैं। खुर्शीद और उनकी पत्नी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। जब तक वह पाक साफ घोषित नहीं हो जाते उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रहना चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि खुर्शीद और उनकी पत्नी दोनों बहुत शक्तिशाली हैं। वे सबूत मिटा सकते हैं। वे गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं। यह रोकने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आइये हम इस स्थान को दूसरा तहरीर चौक (मिस्र में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र) बनाते हैं। अब लोगों को छुट्टी लेकर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए। अब यह आरपार की लड़ाई है। प्रधानमंत्री को हमसे मिलना होगा और हमारी मांग को स्वीकार करना होगा। खुर्शीद को त्यागपत्र देना होगा। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।’’ इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अब जनपथ पर राष्ट्रीय अभिलेखागार के सामने बैठे हुए हैं।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन के प्रवक्ता ने कहा कि वे अपना धरना तब तक जारी रखेंगे जब तक प्रधानमंत्री उनसे नहीं मिलते या खुर्शीद त्यागपत्र नहीं दे देते। राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के अध्यक्ष के के दीक्षित ने मांग की कि प्रधानमंत्री खुर्शीद को कैबिनेट से बख्रास्त करें और उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाए।
उधर लुई खुर्शीद के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने खुर्शीद दम्पति की ओर से संचालित जाकिर हुसैन ट्रस्ट की वर्ष 2009-2010 की विकलांग कल्याण परीक्षण रिपोर्ट की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लुई को गत तीन अक्तूबर को लिखे पत्र में सूचित किया है कि उन्होंने इस संबंध में उनके पत्र को राज्य के विकलांग कल्याण विभाग के मुख्य सचिव को भेज दिया है और उन्हें की गई कार्रवाई के बारे में वहीं से सूचित किया जाएगा।
खुर्शीद की पत्नी ने कल आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि आरोपों में कोई दम नहीं है तथा यह झूठे, दुर्भावनापूर्ण और आधारहीन हैं।
लुई ने एक बयान में कहा कि उन्होंने स्वयं ही गत 17 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच कराने का अनुरोध किया है ताकि सचाई का खुलासा हो और यह साबित हो कि ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के किसी सरकारी अधिकारी के जाली हस्ताक्षर नहीं किये हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 12, 2012, 15:04