Last Updated: Wednesday, October 31, 2012, 23:02

नई दिल्ली : देश के चार महानगरों में केबल टीवी के डिजिटलीकरण की सरकार द्वारा तय समय सीमा बुधवार रात समाप्त हो गई। इन महानगरों में 94 प्रतिशत टीवी दर्शकों द्वारा सैट टाप बाक्स (एसटीबी) लगाए जाने का दावा किया गया है और बाकी घरों में गुरुवार से टीवी पर कार्यक्रमों का प्रसारण बंद हो सकता है।
चेन्नई में हालांकि जिन दर्शकों ने एसटीबी नहीं लगाए हैं उनके लिए कुछ राहत रहेगी क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने टीवी सिग्नल के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के लिए समय सीमा को 5 नवंबर तक बढ़ाने की अनुमति दी है। वहीं बंबई उच्च न्यायालय ने केबल नेटवर्क आपरेटरों को डिजिटल एड्रेसबल सिस्टम (डीएएस) लगाने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने हालांकि केंद्र सरकार से दर्शकों को दिवाली के दौरान कुछ राहत देने पर विचार करने को कहा है।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति आरजी केतकर की पीठ ने इस मामले में कोई राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा, 'हम नहीं चाहते कि लोगों की दिवाली काली हो। मध्यम वर्ग के लिए टेलीविजन इन दिनों मनोरंजन का सस्ता था मूल स्रोत है। हम ग्राहकों के बारे में चिंतित हैं न कि आपरेटरों के।' केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव उदय कुमार वर्मा ने हालांकि पुष्टि की कि दिल्ली, कोलकाता, मुंबई में एनालाग सिग्नल कल से बंद हो जाएंगे। हालांकि अदालती आदेश के कारण चेन्नई इस सूची में नहीं है। अधिकारियों का दावा है कि दिल्ली में लगभग 95 प्रतिशत दर्शकों ने एसटीबी लगा लिए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में लगभग एक लाख दर्शक एसटीबी नहीं लगा पाये हैं जिनके टीवी कल बंद हो सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में डिजिटल टीवी कनेक्शन वाले घरों की संख्या 97 प्रतिशत हो गई जिसमें दो प्रतिशत लोगों के पास डीटीएच कनेक्शन है। दिल्ली के संभागीय आयुक्त धर्मपाल ने कहा कि अधिकारी उन एमएसओ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे जो उन घरों को सिग्नल देंगे जिनके यहां एसबीटी नहीं लगे हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 23.06 लाख घरों में केबल टीवी कनेक्शन है जिनमें से 21.97 लाख ने एसटीबी लगा लिया है जबकि 1.09 लाख ग्राहक इससे दूर हैं।
इन चार महानगरों के लिए मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार केबल टीवी देखने वाले घरों का 94 प्रतिशत तक डिजिटलीकरण हो चुका है। इसमें वे दर्शक भी शामिल हैं जो डायरेक्ट टु होम की सेवाएं ले रहे हैं। कोलकाता में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पहली ही सैट टाप बाक्स लगा चुके दर्शक भी टीवी कार्यक्रमों से वंचित हो सकते हैं। केबल आपरेटर्स डिजिटाइजेशन कमेटी के संयुक्त समन्वयक मिलन चटर्जी ने कहा कि इस समय सीमा का कार्यान्वयन कानून व व्यवस्था का मामला बन सकता है। कुछ केबल आपरेटर अपना बचाव करने के लिए सिग्नल बंद कर सकते हैं क्योंकि 60 प्रतिशत लोगों को एसटीबी अभी नहीं मिले हैं।
कोलकाता में केबल टीवी डिजिटलीकरण 85 प्रतिशत है जिसमें डीटीएच शामिल है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोलकाता में 20.04 लाख केबल टीवी ग्राहकों में से 16.66 पहले ही एसटीबी लगा चुके हैं। चेन्नई में टीवी केबल ग्राहकों की संख्या 4.14 लाख है जिसमें से लगभग 2.57 लाख एसटीबी लगा चुके हैं। चेन्नई मेट्रो केबल टीवी आपरेटर्स ऐसोसिएशन ने समय सीमा को आगे बढाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है और समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। अधिकारी ने कहा, 'अगर कोई केबल आपरेटर डिजिटल नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो कार्रवाई की जा सकती है और ऐसे आपरेटर का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।' (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 31, 2012, 08:22