केरल हाईकोर्ट से इतालवी मरीन को दो सप्ताह की मिली मोहलत

केरल हाईकोर्ट से इतालवी मरीन को दो सप्ताह की मिली मोहलत

केरल हाईकोर्ट से इतालवी मरीन को दो सप्ताह की मिली मोहलतकोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीन को क्रिसमस के मौके पर दो सप्ताह के लिए स्वदेश जाने की इजाजत दी, हालांकि इस पर अभी केंद्र की मंजूरी लेनी होगी।

इससे पहले राज्य के अभियोजन महानिदेशक टी. आसिफ अली ने कहा कि राज्य सरकार भारत में इटली के राजदूत गियाकोमो स्टैनफेलिस के हलफनामे को स्वीकार नहीं कर सकती जिसमें उन्होंने अपने देश में क्रिसमस मनाकर दोनों नौसैनिकों के वापस लौटने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि मामले की शुरुआत से ही इटली आरोपियों के पक्ष में खड़ा है। उनके वादों पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता। अगर आरोपियों की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई बाधित होती है तो यह अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि इटली की विश्वसनीयता ‘संदेह के दायरे’में है।

न्यायमूर्ति पी. भवदासन ने जब अली से पूछा कि क्या राज्य सरकार हलफनामे को स्वीकार करेगी तो उन्होंने ना रिपीट ना में उत्तर दिया । एक अन्य सवाल के जवाब में अली ने कहा कि दोनों नौसैनिक सुनवाई के लिए कभी भी वापस नहीं लौटेंगे।

याचिकाकर्ताओं के वकील पी. विजय भानु ने कहा कि इटली कोई आतंकवादी देश नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे मुकदमे में बाधा पहुंचे । हमारी विश्वसनीयता दांव पर है। उन्होंने कहा कि इटली के रक्षा मंत्री गियामपाओलो डी पाओलो ने हाल में केरल दौरे के वक्त मुख्यमंत्री या अन्य से संपर्क नहीं किया था क्योंकि अदालत को ही जमानत की शर्तों में नरमी बरतनी है।

सहायक सॉलीसीटर जनरल वी. परमेश्वरन नायर ने इटली के विदेश मंत्री द्वारा भेजे गए एक पत्र को अदालत को सौंपा और आग्रह किया कि इसकी विषय वस्तु को उजागर नहीं किया जाए क्योंकि यह गोपनीय है। एएसजी ने कहा कि इटली के दूतावास द्वारा दिए गए हलफनामे पर भी विचार किया जाएगा। इटली के राजदूत और भारत में महावाणिज्यदूत गियामपाओलो कुटिलो भी अदालत में मौजूद थे।

दोनों नौसैनिकों को 19 फरवरी को केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप में इटली के जहाज ‘एनरिका लेक्सी’ से गिरफ्तार किया गया था। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 20, 2012, 08:38

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