केशूभाई साथ होते तो जादुई आंकड़े को पा लेती भाजपा

केशूभाई साथ होते तो जादुई आंकड़े को पा लेती भाजपा

केशूभाई साथ होते तो जादुई आंकड़े को पा लेती भाजपानई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से मतभेदों के चलते अगर केशूभाई पटेल अपनी नयी पार्टी नहीं बनाते तो इस बार के चुनाव में दावों के मुताबिक भाजपा के दो तिहाई बहुमत का जादुई आंकड़े छूने की संभावनाएं बढ़ जातीं।

केशूभाई पटेल की गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) राज्य में कोई करिश्मा तो नहीं दिखा सकी और उसे महज दो सीटें ही मिली हैं लेकिन उसने एक दर्जन से अधिक सीटों पर सीधे सीधे भाजपा को नुकसान पहुंचाया है। अगर केशूभाई के साथ होने की स्थिति में इनमें से आधी सीटें भी भाजपा को मिल जातीं तो भाजपा का आंकड़ा पिछले विधानसभा चुनाव में मिली सीटों से आगे निकल जाता।

गुजरात विधानसभा चुनावों के कल घोषित परिणामों का विश्लेषण करें तो 14 सीटें ऐसी हैं जहां जीपीपी अगर मैदान में नहीं होती और केशूभाई के समर्थन वाले मतदाता भी भाजपा प्रत्याशी को ही वोट डालते तो ये सीटें भाजपा के खाते में आ सकती थीं। इनमें से 10 सीटें तो पिछली विधानसभा में भाजपा के ही पास थीं। यानी केशूभाई के अलग होकर चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में भाजपा 122 के जादुई आंकड़े को पार कर सकती थी।

अबादसा, छोटा उदयपुर, काडी, कांकरेज, लाठी, लिंबडी, लुनावड़ा, मनवादर, मेहमदाबाद, राजकोट पूर्व, सनखेड़ा, सोजितरा, तलाला और वांकनेर सीटों पर भाजपा और जीपीपी के प्रत्याशियों को मिले वोटों का योग कांग्रेस प्रत्याशियों के खाते में आए मतों से कहीं ज्यादा है। गुजरात विधानसभा के कल घोषित परिणामों में भाजपा को जहां 115 सीटें मिली हैं वहीं कांग्रेस के खाते में 61 और जीपीपी के खाते में महज दो सीटें ही आईं।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 117 और कांग्रेस को 59 सीटें मिली थीं। इस तरह कल के चुनाव परिणाम तो लगभग 2007 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के नजदीक ही थे लेकिन भाजपा को दो सीटों का नुकसान और कांग्रेस को इतनी ही सीटों का फायदा हुआ है। इस बार कुछ सीटों पर तो केशूभाई की जीपीपी के बैनर तले खड़े हुए उम्मीदवारों को 500 से भी कम मत मिले हैं।

केशूभाई पटेल ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान मोदी के खिलाफ जनता से वोट मांगे लेकिन उनकी अपील कोई खास जादू नहीं दिखा सकी। वह अपने प्रभाव वाले सौराष्ट्र क्षेत्र में भी मतदाताओं को लुभा नहीं सके। जीपीपी ने 182 सीटों में से 163 पर उम्मीदवार उतारे थे जिनमें केवल विसावदर से केशूभाई पटेल और धारी से नलिन कोटड़िया पार्टी के टिकट पर जीत हासिल कर सके हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, December 21, 2012, 16:12

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