Last Updated: Saturday, November 24, 2012, 22:00
नई दिल्ली : कांग्रेस के मंत्रियों द्वारा पीएसी और कैग जैसी संवैधानिक संस्था की लगातार आलोचना की भाजपा ने निंदा की है और कहा कि लगता है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों को ऐसी आलोचना करने की छूट दे रखे हैं।
मुख्य विपक्षी पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों द्वारा कैग की आलोचना पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की टिप्पणी की भी निंदा की और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के घोटालों पर उनकी खामोशी को लेकर भी सवाल उठाया।
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि संस्थाओं को नीचा दिखाने के कांग्रेस पार्टी के रवैये की भाजपा निंदा करती है। यह आश्चर्यजनक है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री भी सवाल उठा रहे हैं और संस्थानों को नीचा दिखने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानना चाहेंगे कि क्या प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों को इन संस्थानों के बारे में इस तरह बात करने की छूट दे रखी है। मुझे विश्वास है कि वह गरिमा बनाए रखेंगे और सम्मान करेंगे।’’ सीतारमण ने यह भी सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी पीएसी और कैग जैसी संवैधानिक संस्था को अस्थिर करने की रणनीति पर काम कर रही है और लोगों के मन में भ्रम पैदा करना चाहती है।
सीतारमण ने कहा कि अगर पार्टी के मंत्री इस तरह से टिप्पणी करेंगे तो संस्थाएं कैसे काम करेगी। विपक्षी पार्टी कोलगेट और राबर्ट वाड्रा पर भी कांग्रेस प्रमुख की राय जानना चाहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं 2जी स्पेक्ट्रम मुद्दे पर पीएसी के सामने पेश होने की बात कही थी। उनके मंत्रिमंडल के मंत्री संवैधानिक संस्थाओं की आलोचना कर रहे हैं और कांग्रेस सांसद उन्हें काम नहीं करने दे रहे।
प्रवक्ता ने कहा, भाजपा निंदा करती है। और ताज्जुब है कि एक सेवानिवृत्त अधिकारी के बयान के आधार पर कैग को लेकर, पीएसी को लेकर मंत्री जो इस तरह के बयान दे रहे हैं क्या सरकार का भी वही रूख है। कैग के पूर्व अधिकारी आर पी सिंह का हवाला देते हुए उन्होंने कहा क्या हम यह कह रहे हैं कि जब इस रिपोर्ट पर दस्तखत हुए और यह सौंपी गयी उससे ज्यादा अब व्यक्ति जो बयान दे रहे हैं वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 24, 2012, 22:00