Last Updated: Saturday, November 24, 2012, 18:18
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर कैग रिपोर्ट में गड़बड़ी के आरोप पर सरकार ने एक बार फिर से सवाल उठाए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि 2जी के आंकड़ों पर खुली बहस होनी चाहिए। विपक्ष तथ्यों की अनदेखी कर रहा है। कैग ने घाटे का जो आंकलन लगाया था वह एकदम गलत था।
केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह सवाल उठाया कि लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने कैग अधिकारियों से क्यों संपर्क किया था? कैग के अफसरों ने पीएसी की सहायता क्यों की? उन्होंने कहा कि 2,264 करोड़ रुपए घाटे का अनुमान 1.76 लाख करोड़ रुपए कैसे हो गया, इसका जवाब ढूंढना होगा।
इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी ने कैग के पूर्व अधिकारी आरपी सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जानकारी लेने के लिए किसी भी अधिकारी को बुलाने का उन्हें अधिकार है। सिंह ने जोशी पर आरोप लगाया है कि वे 2जी मामले की रिपोर्ट बनाते वक्त सीएजी के कई अधिकारियों के संपर्क में रहे। उन्होंने इस बात से भी साफ इंकार किया कि 26 अप्रैल को उनसे कोई भी कैग अधिकारी मिलने आया था।
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि कैग ने जो एक लाख 76 हजार करोड़ के घाटे का आंकड़ा दिया था वह पूरी तरह से काल्पनिक था। तिवारी ने कैग के अकाउंटिंग के तरीके पर सवाल खड़े करते हुए जबाव मांगा है। हमलावर केंद्रीय मंत्री ने सीएजी को सार्वजनिक मंच पर बहस की चुनौती भी दे डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि कैग की रिपोर्ट के बाद देश में सरकार के प्रति नकारत्मक वातावरण पैदा हुआ है।
First Published: Saturday, November 24, 2012, 15:05