Last Updated: Thursday, November 29, 2012, 19:26
नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की विभिन्न परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने में प्रक्रियागत अनियमितता का उल्लेख करते हुए कहा है कि परियोजनाओं को टुकड़ों में मंजूरी प्रदान की गई ताकि इसे डीआरडीओ महानिदेशक के वित्तीय अधिकार के दायरे में लाया जा सके।
संसद में आज पेश थल सेना एवं आयुध फैक्टरियों से जुड़ी कैग रिपोर्ट के अनुसार परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करते हुए अधिकारियों की भ्रामक पद नामावली का प्रयोग किया गया और इसमें आंकड़ों का सख्त अभाव था।
कैग ने कहा कि परियोजनाओं की स्वीकृति को लेखा परीक्षण के लिए नहीं भेजा गया। इसके साथ ही स्वीकृत परियोजना की कोई नियंत्रक पंजिका नहीं रखी गई थी। वहां कोई ऐसा तंत्र नहीं था जिससे यह पता लगाया जा सके कि वर्ष में कितनी परियोजनाओं को स्वीकृति मिली और कुल राशि क्या है।
रिपोर्ट के अनुसार, संगठन के प्रमुख के वित्तीय अधिकारों के दायरे में रखने के लिए टुकड़ों में परियोजना स्वीकृत की गई। संगठन प्रमुख को 50 करोड रूपये की परियोजना स्वीकृत करने का अधिकार है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 29, 2012, 19:26