कैबिनेट फेरबदल छवि बचाने की कवायद: विपक्ष

कैबिनेट फेरबदल छवि बचाने की कवायद: विपक्ष

नई दिल्ली/कोलकाता : विपक्ष ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल को ‘फीका’ और ‘छवि बचाने की कवायद’ बताया है। भाजपा ने दावा किया कि इससे न तो देश का कोई भला होगा न ही कांग्रेस की छवि ही सुधरेगी।

विगत महीने मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लेने वाली संप्रग की पूर्व सहयोगी तृणमूल कांग्रेस ने यह कहते हुए अलग रुख अपनाया कि पश्चिम बंगाल से राज्य मंत्री चुने गए कांग्रेस नेता केवल पार्टी को ‘सूई’ चुभोने के लिए हैं। पश्चिम बंगाल को मंत्रियों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया। भाजपा के सहयोगी दल अकाली दल ने फेरबदल को ‘छवि बचाने की कवायद’ के रूप में खारिज करते हुए कहा कि ‘नई बोतल में वही पुरानी शराब’ है।

भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘यह फेरबदल फीका है। इससे देश या कांग्रेस पार्टी का कोई भला नहीं होने वाला है। ऐसी उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल में युवाओं को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं किया गया।’ अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले तत्कालीन राजग सरकार में 32 वर्ष की युवा आयु में कैबिनेट मंत्री बनने वाले हुसैन ने कहा कि शपथ ग्रहण करने वाले कुछ युवा नेताओं को एक भी कैबिनेट मंत्रिपद नहीं दिया गया।

हुसैन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने युवा नेताओं को केवल राज्य मंत्री का दर्जा दिया। कैबिनेट मंत्रियों की औसत आयु अधिक नीचे नहीं आयी है जबकि इसके बारे में अधिक बातें की जा रही थीं।’ पंजाब के मुख्यमंत्री एवं अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि फेरबदल से कांग्रेस को कोई मदद नहीं मिलेगी और इससे किसी भी तरह से संप्रग की छवि नहीं सुधरेगी। बादल ने लुधियाना में संवाददाताओं से कहा, ‘यह कवायद निरर्थक साबित होगी। देश को इस महत्वपूर्ण समय में आम आदमी के हित में नीतियों में कुछ क्रांतिकारी बदलाव की आवश्यकता थी, आम आदमी को मूर्ख बनाने के लिए राजनीतिक चालबाजी या बाजीगरी की नहीं।’

कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस नेता सौगत राय ने कहा, ‘मंत्रिमंडल फेरबदल में पश्चिम बंगाल से पूरी तरह से वंचित रखा गया है। वर्ष 2009 में पश्चिम बंगाल के दो महत्वपूर्ण नेता प्रणब मुखर्जी और ममता बनर्जी केंद्रीय मंत्रिमंडल में थे। अब उसमें कोई भी नहीं है।’ उन्होंने कहा कि राज्य के तीन कांग्रेसी नेताओं को मंत्री के रूप में केवल तृणमूल कांग्रेस को सुई चुभोने के लिए चुना गया है। वे सभी ममता बनर्जी के धुर आलोचक हैं। उन्होंने इसका तृणमूल के राजनीतिक विकास पर कोई प्रभाव पड़ने से इनकार किया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 28, 2012, 20:28

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