Last Updated: Tuesday, March 12, 2013, 09:11

नई दिल्ली : बलात्कार के दोषी को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करने वाला आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक मंगलवार को होने जा रही कैबिनेट की विशेष बैठक में पेश किया जाएगा। भारी बदलाव के साथ लाए जा रहे इस विधेयक में बलात्कार को विशेष लिंग केंद्रित कर दिया गया है।
विधेयक को लेकर कैबिनेट में मतभेद की खबरों को नकारते हुए केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कानूनी बिंदुओं पर कुछ मतभेद हैं जिसका निदान किया गया है और कैबिनेट की विशेष बैठक में आज विधेयक को पेश किया जाएगा। इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के लिए सजा और सख्त बनाई गई है। हाल ही में पारित किए गए अध्यादेश से यह विधेयक कम से कम चार बिंदुओं पर अलग है।
इसमें बलात्कार को विशेष लिंग केंद्रित बनाने का प्रावधान है और ‘यौन उत्पीड़न’ शब्द को हटाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें लिंग के आधार पर भेद नहीं है। यदि बदलावों को स्वीकार कर लिया गया तो इसका मतलब यह होगा कि बलात्कार की किसी भी घटना का आरोप सिर्फ पुरुषों पर होगा। महिला अधिकार संगठनों द्वारा की जा रही मांगों के मद्देनजर यह बदलाव किए गए हैं। महिला संगठनों का कहना था कि कानून लैंगिंक तौर पर उदासीन रहने से ज्यादा अच्छा है कि यह लैंगिक तौर पर संवेदनशील रहे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 12, 2013, 09:10