Last Updated: Monday, December 3, 2012, 21:05

नई दिल्ली : राज सहायता की नगदी सीधे लोगों के खाते में भेजने की योजना के मुद्दे पर सरकार ने आज चुनाव आयोग से कहा कि इस योजना में नया कुछ नहीं है। यह इस साल के बजट प्रस्तावों का हिस्सा है। चुनाव आयोग की पांच बजे शाम की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए योजना आयोग ने आयोग को इस योजना का ब्यौरा मुहैया कराया और दावा किया कि सरकार द्वारा कुछ भी नया घोषित नहीं किया गया है।
योजना आयोग के इस नोट के पहले कैबिनेट सचिवालय ने आयोग को यह संक्षिप्त जानकारी दी थी कि उसने योजना आयोग को इस योजना के बारे में विस्तृत ब्यौरा देने के लिए भेजा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी एस संपत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चुनाव आयोग ने आज इस मुद्दे पर चर्चा की लेकिन इस पर फैसले को टाल दिया।
आयोग ने कल कैबिनेट सचिव को एक स्मार पत्र भेज कर अपनी अप्रसन्नता जाहिर की थी क्योंकि सरकार एक दिन पहले आयोग को उसके नोटिस का जवाब देने में विफल रही थी। आयोग ने आचार संहिता लागू रहने के दौरान सरकार के नकदी अंतरण योजना की घोषणा करने पर अप्रसन्नता जताते हुये कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर इस मामले पर कल शाम तक जवाब मांगा था। कैबिनेट सचिव अजीत सेठ को कठोर शब्दों में लिखे पत्र में आयोग ने सरकार द्वारा इस योजना की घोषणा के समय पर अप्रसन्नता जाहिर की। आयोग ने कहा था कि गुजरात चुनाव को देखते हुये इससे बचा जा सकता था।
भाजपा ने केन्द्र सरकार की इस योजना को लेकर आयोग का दरवाजा खटखटाया था। भाजपा का आरोप था कि ऐन गुजरात चुनाव के समय इस योजना की घोषण आचार संहिता का उल्लंघन है। लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात की थी और इस घोषणा के खिलाफ शिकायत की थी।
जिन 51 जिलों के लिये इस योजना की घोषणा की गयी है उनमें से चार जिले गुजरात में हैं। गुजरात में 13 और 17 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य में आचार संहिता लागू है। इस बीच दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि सीधे नकद अंतरण योजना के मामले में सरकार ने चुनाव आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया है क्योंकि तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी।
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (सीधे नकद हस्तांतरण) पहले की गई घोषणा को केवल लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि उसने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है क्योंकि नीतिगत घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में की थी। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 3, 2012, 21:05