Last Updated: Friday, November 18, 2011, 03:34
नई दिल्ली : लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधीन्द्र कुलकर्णी और भारतीय जनता पार्टी के दो पूर्व सांसद- महावीर सिंह भगोरा एवं फग्गन सिंह कुलस्ते को ‘नोट के बदले वोट’ मामले में जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम तिहाड़ से रिहा कर दिया गया। यह लोग एक महीने से अधिक समय से तिहाड़ जेल में बंद थे।
बाहर आने के बाद कुलकर्णी ने कहा, ‘मैं उच्च न्यायालय का शुक्रिया अदा करता हूं। हमारे पक्ष को स्पष्ट कर दिया गया है। मैं भाजपा के नेताओं और सदस्यों को सलाम करता हूं जिन्होंने हमारा समर्थन किया। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। पूरी सचाई अभी बाहर नहीं आई है। इसमें कुल मिलाकार सरकार को फायदा हुआ है जिसका खुलासा होना है।’
दिल्ली पुलिस ने कुलकर्णी पर 2008 में नोट के बदले वोट मामले की साजिश रचने का आरोप लगाया जिसके तहत भाजपा के तीन सांसदों ने संसद में विश्वास मत से पहले कथित रिश्वत ली। कुलकर्णी को 27 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। 22 जुलाई 2008 को तीनों भाजपा सांसदों अर्गल, कुलस्ते और भगोरा ने लोकसभा में विश्वास मत से पहले नोटों के बंडल लहराए और आरोप लगाया कि उन्हें यह राशि मनमोहन सिंह सरकार के पक्ष में वोट डालने के लिए दी गई है। इन लोगों को कथित तौर पर एक करोड़ रूपये पहले दिए गए और कुल सौदा कथित तौर पर नौ करोड़ रूपये का हुआ था।
वहीं भाजपा के युवा कार्यकर्ता के तौर पर काम करने वाले संजीव सक्सेना, अमर सिंह का पूर्व सहयोगी और सुहैल हिंदुस्तानी भी रिहा कर दिए गए। मामले में गिरफ्तार अमर सिंह को चिकित्सा कारणों से जमानत दे दी गई। उन्होंने मामले में कोई भूमिका होने के आरोपों का खंडन किया है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 09:06