Last Updated: Monday, October 29, 2012, 14:38

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : यूपीए सरकार ने 2014 में होने वाले आम चुनाव से पहले मंत्रिपरिषद का चेहरा बदलने और उसे नया स्वरूप देने की कोशिश के तहत रविवार को इसमें व्यापक फेरबदल किया, लेकिन एक वरिष्ठ मंत्री को यह नागवार गुजरा। सूत्रों के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा वापस लिए जाने से एस. जयपाल रेड्डी नाराज हो गए हैं।
इस फेरबदल में एस. जयपाल रेड्डी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है, जबकि पूर्व में उनके पास पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा था।
यह नाराजगी उस समय खुलकर सामने आई जब रेड्डी नए पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली को मंत्रालय का कार्यभार सौंपने के लिए आज नहीं आए। वहीं, आपीएन सिंह ने मोइली को ही कार्यभार सौंपा।
उधर, बीजेपी का कहना है कि दबाव में आकर कर पेट्रोलियम मंत्री रेड्डी का कार्यभार बदला गया है। वेंकैया नायडू ने कहा कि कॉरपोरेट के दबाव में यह फैसला किया गया है, जो कतई उचित नहीं है।
इस मामले में जब मोइली से पूछा गया कि रेड्डी आज कार्यभार सौंपने क्यों नहीं पहुंचे तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जानकारी के अनुसार, रेड्डी ने अपना नए मंत्री के तौर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने भी आरोप लगाया है कि औद्योगिक घरानों के दबाव में जयपाल रेड्डी को पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाया गया है। सरकार को इस मामले पर जवाब देना होगा। कहा जा रहा है कि जयपाल रेड्डी बड़े औद्योगिक घरानों के दबाव में नहीं आए और न ही उन्होंने कॉरपोरेट के पक्ष में कोई फैसला लिया। रिलायंस समेत कई पेट्रोलियम कंपनियों पर रेड्डी का रवैया काफी सख्त था।
First Published: Monday, October 29, 2012, 11:50