Last Updated: Thursday, July 18, 2013, 13:57
नई दिल्ली : शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग के मामले सामने आने के बीच सरकार ने 24 घंटे सजग रहने वाली रैगिंग निरोधक हेल्पलाइन बनाई है। साथ ही इसके कामकाज की निगरानी के कार्य में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और गैर सरकारी संघों (एनजीए) को जोड़ने का फैसला किया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एक अधिकारी ने बताया कि आयोग ने रैगिंग निरोधक हेल्पलाइन एवं संबद्ध डाटाबेस की निगरानी करने के लिए एनजीओ और गैर सरकारी संघ से हितों का अभिव्यक्ति पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि एनजीओ और एनजीए से अपेक्षा की जाती है कि वे भारत के उच्चतम न्यायालय की अपील संख्या 887/2009 के निर्देशानुसार यूजीसी एवं अन्य सांविधिक परिषद तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा रैगिंग संबंधी घटनाओं पर गठित समिति को इसके गैर अनुपालन एवं नियमों के उल्लंघन के संबंध में सूचनाएं प्रदान करें।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ऐसे प्रतिष्ठित एनजीओ और एनजीए से उक्त पत्र मांगा है जो सामाजिक क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थाओं में व्याप्त रैगिंग की समस्या का निराकरण करने का अनुभव एवं दक्षता रखते हों। उक्त एनजीओ के पास कम से कम तीन वर्ष का राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने का अनुभव होना चाहिए। इसके लिए ऐसी स्वयंसेवी संस्थाओं को प्राथमिकता दी जायेगी जिनके पास पर्याप्त संख्या में अनुभवी मानव संसाधन हो। चयनित संस्थानों को इस कार्य के लिए प्रारंभ में एक वर्ष के लिए जोड़ा जाएगा और कार्य निष्पादन के आधार पर विस्तार किया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 18, 2013, 13:57