Last Updated: Friday, September 2, 2011, 12:49
रालेगण सिद्धि : रामलीला मैदान में गत रविवार को अनशन तोड़ने के बाद पहली बार अन्ना हजारे शुक्रवार शाम को रालेगण में समर्थकों के सामने आए. उनका भाषण सुनने के लिए यहां शांति निकेतन स्कूल प्रांगण
में करीब 10 हजार लोग जमा हुए. शांतिनिकेतन क्रीड़ांगन के मंच पर पहुंचते ही अन्ना ने सबसे पहले भारत माता की जय...., वंदे मातरम..., के नारे लगाए और फिर ग्राम सभा में मौजूद लोगों को संबोधित किया.
अन्ना ने अपने संबोधन में कहा, "मैं कई सालों से युवाओं को जागृत करने की कोशिश कर रहा हूं. जागृति की लौ जल चुकी है. युवा शक्ति इसे कभी बुझने न दें. सभी युवाओं से गुजारिश है, यदि युवा मन में ठान ले तो क्या कुछ नहीं कर सकता. ‘मैं अन्ना हूं’ लिखकर, गांधी टोपी पहनकर अन्ना नहीं बना जा सकता है. इसके लिए चरित्र को शुद्ध करना होगा. समर्पण करना होगा."
अन्ना ने कहा, "भारत भूमि त्याग की भूमि है. हजारों लोगों ने इसके लिए त्याग किया है. देश का इतिहास गवाह है कि त्याग से आजादी मिली है. युवा वो बीज है जो आने वाले दिनों में बदलाव करेंगे. युवा त्याग नहीं करेंगे तो सारी कोशिश बेकार होगी. अन्याय को कोई सह रहा है तो वह बड़ी गलती कर रहा है. अन्याय के खिलाफ युवाओं को खड़ा होना होगा. यही आप सभी से गुजारिश है."
अन्ना ने कहा, "यह आंदोलन भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए क्रांति की शुरुआत है. जब तक सपना पूरा नहीं होता यह लड़ाई जारी रहनी चाहिए. डॉ. बाबा साहब अंबेडकर का संविधान आज अमल में लाया जाता है. अंबेडकर ने कहा था कि अमीर-गरीब का भेद खत्म होना चाहिए. क्या यह हो रहा है? यह अंतर बढ़ता जा रहा है. देश में आर्थिक विषमता के बाद सामाजिक विषमता भी बड़ा मुद्दा है. रालेगण में गरीब किसान पर कर्ज बढ़ा तो पूरे गांव ने मिलकर उसका कर्ज चुकता किया और उसकी फसल लहलहा उठी. पूरे देश में ऐसी मिसाल कायम होनी चाहिए."
अन्ना ने कहा, "भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जनलोकपाल बिल की लड़ाई शुरू हो गई है. संसद में यह बिल आना चाहिए और उस पर बहस होनी चाहिए. सरकार ने मेरे आंदोलन पर कई पाबंदियां लगाई. यह आंदोलन को खत्म करने की चाल थी. मुझे अनशन के लिए जगह तक नहीं दी गई. सरकार ने हमें धोखा दिया. देश की संसद में झूठ बोलने वाले लोग पहुंच चुके हैं. मेरे अनशन की जगह पर धारा 144 लगा दी गई. दिल्ली में जिस घर में रुका था वहां से मुझे गिरफ्तार किया गया. मैंने वजह पूछा तो कोई वजह नहीं बताई गई."
अन्ना ने कहा, "मैं बार-बार पूछता रहा कि मेरी क्या गलती है. मुझे कहा गया कि मुझे बड़े पुलिस अधिकारी के पास जाना है. फिर मुझे जेल ले गए, लेकिन जेल ले जाने के बाद दो घंटे के बाद ही मुझे छोड़ दिया गया. यह सब सरकार की चाल थी. मैंने जेल से निकलने से इनकार कर दिया. मैं जेल में तीन दिनों तक डीआईजी के कमरे में रहना पड़ा. वहां मुझे नहाने के लिए पानी नहीं मिलता था. यह तो बनिया की दुकान जैसा था. "
First Published: Friday, September 2, 2011, 18:20