Last Updated: Thursday, June 7, 2012, 13:18
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चुनिंदा स्थानीय निकायों के प्रमुखों के पदों को अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहर ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करने के साथ ही इस मामले पर आगे की सुनवाई के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 5 जून को इस मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 मई को एक अधिसूचना जारी कर राज्य के कुछ स्थानीय निकायों के पमुखों के पदों में आरक्षण का प्रावधान किया था।
अलीगढ़ में खर नगरपालिका परिषद के प्रमुख राकेश गौतम ने देश की सबसे बड़ी अदालत से आग्रह किया था कि राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर रोक लगाई जाए। गौतम का कहना है कि स्थानीय निकाय में पदों को बिना किसी औचित्य के एवं जल्दीबाजी में आरक्षित कर दिया गया, जिससे मतदान प्रक्रिया पूरी तरह बिगड़ गई और यह सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के साथ भेदभाव है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 7, 2012, 13:18