Last Updated: Wednesday, September 5, 2012, 10:00

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) गलत जानकारी के आधार पर ब्लॉक हासिल करने को लेकर दस और एफआईआर दर्ज कर सकती है। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि और भी कंपनियां जांच के दायरे में आ सकती हैं।
बुधवार को भी सीबीआई छापे की कार्रवाई जारी रख सकती है। वहीं, केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने भी संकेत दिया है कि इस मामले में जांच एजेंसी की ओर से और कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में हमें पांच कम्पनियों के खिलाफ अनियमितताएं मिलीं और हमने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आठ से 10 और कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। जांच अभी जारी है।
गौर हो कि मंगलवार को कांग्रेसी सांसद विजय दर्डा एवं पांच कम्पनियों के 17 कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। जांच एजेंसी की टीम ने इस संबंध में मंगलवार को 11 शहरों के 30 स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने तीन महीने की शुरुआती जांच के बाद इस मामले में पांच कम्पनियों, उनके निदेशकों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज किया। उन पर गलत तरीके से तथ्य रखने और जवाबदेहियों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई द्वारा जारी बयान के अनुसार, सीबीआई ने कुछ निजी कम्पनियों, उनके निदेशकों एवं अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ तीन सितम्बर 2012 को मामला दर्ज किया था। एफआईआर में जिन पांच कम्पनियों के नाम हैं, उनमें एएमआर आयरन एंड स्टील, विनि आयरन एंड स्टील उद्योग, नव भारत पावर, जेएलडी यवतमाल एनर्जी और जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल शामिल हैं। प्राथमिकी में दर्डा के अलावा 17 लोगों के भी नाम आरोपी के तौर पर दर्ज हैं और इसमें से कुछ के नाम कई प्राथमिकी में हैं।
सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ये मामले तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर और आवेदन में गलत दावे कर कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने और सरकारी अधिकारियों की ओर से इसे मौन सहमति देने को लेकर दर्ज किए गए हैं। बयान के अनुसार, इसमें से कुछ कम्पनियों के मालिकों ने कोयला ब्लॉक आवंटन हासिल करने के बाद अपनी हिस्सेदारी अवैध ढंग से बेच दी। केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश पर 2006-09 के कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता की सीबीआई द्वारा प्राथमिक जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी में जेएलडी यवतमाल इनर्जी का नाम है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह राज्यसभा सांसद दर्डा के परिवार से जुड़ी है। इस कंपनी को छत्तीसगढ़ में फतेहपुर ईस्ट ब्लॉक आवंटित किया गया था।
First Published: Wednesday, September 5, 2012, 10:00