Last Updated: Monday, September 3, 2012, 10:47

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर संसद में दो सप्ताह तक कामकाज ठप रहने के बाद मॉनसून सत्र के सोमवार से शुरू हो रहे आखिरी सप्ताह में भी गतिरोध समाप्त होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही। सदन में हंगामे के आसार बने हुए हैं।
कोयला ब्लॉक आवंटन पर कैग की रिपोर्ट के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रही भाजपा अपने रुख से पीछे हटती नहीं दिखाई दे रही। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गतिरोध समाप्त करने के लिए लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज से संपर्क साधा। दोनों के बीच कल रात फोन पर हुई बातचीत में सुषमा ने कहा कि सरकार को विवादास्पद कोयला ब्लॉक आवंटन को रद्द करने की घोषणा करनी चाहिए और स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए।
भाजपा का कहना है कि वह संसद के भीतर और बाहर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर कायम रहेगी। विपक्षी राजग को सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर सपा, तेदेपा और वाम दलों के रुझान से भी थोड़ा बल मिलता दिखाई दे रहा है।
उधर, भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जहां प्रधानमंत्री के इस्तीफे की और उच्चस्तरीय जांच की मांग बनी रही वहीं अब सबकी मांग यह है कि कम से कम कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया जाए और सपा, वाम दल तथा अन्य सभी इसकी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में अधिकतर लोग कोयला ब्लॉकों के आवंटन रद्द करने की मांग कर रहे हैं जो बड़ी बात है। जावड़ेकर ने कहा कि संसद में विरोध प्रदर्शन जनता का और देश का विरोध बन गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि कोयला घोटाले मुददे पर पार्टी नरम नहीं पड़ी है, पार्टी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर कायम है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने आज यहां पिंक सिटी प्रेस क्लब में पार्टी की ओर से केंद्र सरकार के कोयला खदान आवंटन में हुए भ्रष्टाचार विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी की विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज से इस मुद्दे को लेकर हुई बातचीत के बाद पार्टी अपने मुद्दे पर नरम नहीं पड़ी है, पार्टी कोयला आवंटन में भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर कायम है।
उन्होंने संसद नहीं चलने को लेकर सफाई देते हुए कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के दौरान भी 17 दिन संसद नहीं चलने के परिणाम जनता के सामने हैं। पार्टी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग इस लिए कर रही है क्योंकि उस वक्त कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के पास था। जावडेकर ने कहा कि संसद की बेवसाइट पर प्रश्न के जवाब में सरकार ने जिन परियोजनाओं के लिए कोयला ब्लाक आवंटन की बात कहीं थी, उन परियोजनाओं का काम ही शुरू नहीं हुआ था ऐसे में इन परियोजनाओं से कोयला ब्लाक आवंटन का कोई लेना देना नहीं था। उन्होंने कहा कि इन जवाबों को अब संसद की बेवसाइट से हटा दिया गया है।
First Published: Monday, September 3, 2012, 10:47