कोयला आवंटन में कांग्रेस को मिला मोटा माल: बीजेपी

कोयला आवंटन में कांग्रेस को मिला मोटा माल: बीजेपी

कोयला आवंटन में कांग्रेस को मिला मोटा माल: बीजेपीनई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अडी भाजपा ने आज अपना रूख और कड़ा करते हुए आरोप लगाया कि कोयला ब्लाक आवंटन मामले में कांग्रेस पार्टी को ‘मोटा माल’ मिला है और इन सभी 142 कोयला ब्लाकों का आवंटन रद्द होना चाहिए।

कोयला ब्लाक आवंटन मामले पर लगातार पिछले पांच दिन से संसद ठप्प करने वाली मुख्य विपक्ष पार्टी ने कहा कि इस मामले में अगर जरूरी हुआ, तो वह अकेले भी लड़ाई जारी रखेगी।

संसद में कैग रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान के बाद लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के सुषमा स्वराज और अरूण जेटली ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रतिस्पर्धी बोली की नीति 2004 में बनाई गई, 2010 में इसे संसद में पारित किया गया और 2012 में इसकी अधिसूचना जारी की गई। ऐसे अहम मामले में यह बहुत बड़ा विलंब है। ‘जितनी देरी नीति बनाने में की गई, उतनी ही जल्दवाजी कोयला ब्लाक आवंटन में की गई।’

सुषमा ने आरोप लगाया, ‘‘ कांग्रेस को कोयला ब्लाक आवंटन से ‘मोटा माल’ मिला है। प्रधानमंत्री ने पार्टी को मोटा माल दिलाने के लिए नीति बनाने में इतनी देर की। यह देरी पार्टी के खजाने को मिलने वाले मोटे माल के लिए की गई। आज तक का सबसे बड़ा घोटाला कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला है।’’ सुषमा और जेटली दोनों ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री को इस मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और 142 कोयला ब्लाक के आवंटन को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।’’ यह पूछे जाने पर कि भाजपा दोनों में से किस मांग पर जोर देगी, सुषमा ने कहा, ‘‘ किसी एक मांग का सवाल नहीं है, हमारी मांग दोनों है। इसमें पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।’’

राजग के सहयोगी दलों से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर सुषमा ने कहा, ‘‘ आज सुबह लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने मेरे सामने उनसे कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के मांग का समर्थन करती है।

सुषमा ने कहा, ‘‘ लेकिन अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अकेली भी लड़नी पड़े तब भाजपा अकेले इसे लड़ेगी। अभी पूरा राजग एकजुट है।’’ जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार है। प्रधानमंत्री ने अपने बयान से शासनतंत्र और राजनीति की नैतिकता का घोर उल्लंघन किया है। प्रधानमंत्री इस मामले की जिम्मेदारी लेने की बात करते हैं लेकिन बयान में चरणबद्ध तरीके से जवाबदेही दूसरों पर डाल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रतिस्पर्धी बोली लागू नहीं करने की वजह राज्यों का विरोध बतायी है। यह कह कर उन्होंने इसकी जिम्मेदारी देश के संघीय ढांचे और राज्यों पर डालने का प्रयास किया है जबकि कोयला केंद्र के अधिकार क्षेत्र का विषय है। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना कि संसद में विधेयक पारित होने में देर होती है, एक प्रकार से संसदीय लोकतंत्र को जिम्मेदार ठहराने जैसा है। प्रधानमंत्री का यह कहना कि कोयला आवंटन में घाटे की बात गलत है क्योंकि कैग का आकलन गलत है। संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार करना है।

सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह कहा कि बिजली, जीडीपी के विकास और राजस्व अर्जित करने के लिए कोयला ब्लाक आवंटित किया। यह सही नहीं है। ‘‘ राजस्व तो जरूर आया, लेकिन सरकारी खजाने में नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के खजाने में आया। इस मामले में सरकार के साथ कांग्रेस पार्टी बराबर की दोषी है।’’ कोयला ब्लाक मामले में संसद में चर्चा नहीं होने देने और कार्यवाही बाधित करने के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में सुषमा ने कहा कि हम जो भी कह रहे हैं, संसद के विधान के तहत ही कर रहे हैं। 2जी स्पेक्ट्रम मामले में भी यही स्थिति थी और ऐसी ही बातें कही जा रही थी लेकिन अब नयी दरों से स्पेक्ट्रम लाने से सरकार को 1.26 लाख करोड़ रूपये का फायदा हो रहा है। अगर कोयला मामले भी ऐसा हो जाए तो कार्यवाही बाधित करने में कोई हर्ज नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 27, 2012, 17:32

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