Last Updated: Monday, September 10, 2012, 17:54
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संरक्षक व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के थिंक टैंक रहे के. एन. गोविंदाचार्य ने कोयला ब्लॉक आवंटन में हुए कथित घोटाले को लेकर चौतरफा आलोचनाओं से घिरी कांग्रेसनीत केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को विश्व की सबसे भ्रष्टतम सरकार की संज्ञा दी है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह सभी कोयला ब्लॉक आवंटन को रद्द करे और जल्द से जल्द एक पारदर्शी नीति बनाए।
गोंविदाचार्य ने एक विज्ञप्ति जारी कर सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कोयला मंत्री रहते सबसे अधिक कोयला ब्लॉक आवंटित हुए। जितने कम समय में और जितने अधिक कोयला ब्लॉक आवंटित हुए, वही दाल में काला होने का साफ संकेत देता है।
उन्होंने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में इस घोटाले में देश के 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है पर कोयले के वर्तमान विश्व बाजार के भाव के हिसाब यह नुकसान 18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है।
गोविंदाचार्य ने कहा कि अब तक हम मानते आए थे कि कई उद्योगपति राजनेताओं से मिलीभगत करके सरकारी नीतियों का दुरूपयोग कर देश को लूट रहे थे पर कोयला ब्लॉक घोटाला उजागर होने से पता चला कि राजनीतिक दलों व उसके नेताओं ने अपने खास उद्योगपति बना लिए हैं। इन उद्योगपतियों ने झूठे दावे झूठे दस्तावेज दिखाकर कोयला खदानें हड़प ली हैं।
उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि न केवल कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द किए जाएं बल्कि ऐसे आवंटियों पर सरकार और जनता से धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमे चलाए जाएं ताकि भविष्य में कोई ऐसा अपराध नहीं कर सके। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 10, 2012, 17:54