Last Updated: Tuesday, September 18, 2012, 16:08

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन में घोटाले और अनियमितता के सिलसिले में केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने मंगलवार को भी एएमआर के निदेशक अरविंद जायसवाल से गहन पूछताछ की।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में मनोज जायसवाल को मंगलवार को नोटिस जारी किया और उनके भाई अरविंद जायसवाल से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि अरविंद जायसवाल से सोमवार को यहां सीबीआई मुख्यालय में लगभग आठ घंटे पूछताछ की गई थी और उनसे आज (मंगलवार) भी उनकी कंपनी एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2008 में महाराष्ट्र में बांदर कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए कथित रूप से गलत प्रस्तुति व तथ्यों को छुपाने के लिए पूछताछ की गई।
मनोज जायसवाल कम्पनी के एक निदेशक हैं और एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी में उनका नाम शामिल है। सीबीआई, कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के पुत्र देवेंद्र दर्डा सहित कम्पनी के अन्य निदेशकों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। देवेंद्र भी मामले में एक आरोपी हैं।
गौर हो कि जांच को आगे बढ़ाते हुए सीबीआई ने एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरविन्द जायसवाल से सोमवार को भी कई घंटे तक उनकी कंपनी को महाराष्ट्र के बांदेर कोयला ब्लाक के आवंटन में कथित तौर पर गलत जानकारी देने और तथ्यों को छिपाने के सिलसिले में पूछताछ की थी। सूत्रों के अनुसार, इस पूछताछ में अहम जानकारी हाथ लगे हैं। वहीं, अभिजीत ग्रुप के मालिक मनोज जायसवाल से भी पूछताछ की जा सकती है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, जायसवाल से बीते दिन देर शाम तक पूछताछ की गई। सूत्रों ने कहा कि आवंटन से जुड़े कई दस्तावेजों को लेकर उससे पूछताछ की गई। उससे कोयला ब्लाक आवंटन के सिलसिले में उसकी कोयला राज्य मंत्री से हुई कथित मुलाकात के बारे में पूछताछ की गई।
जांच एजेंसी की प्राथमिकी में जायसवाल का नाम लिया गया है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने तथ्यों को छिपाया और गलत तरीके से पेश किया कि उसके समूह की फर्मों को पहले ही कोयला ब्लाक आवंटित हो चुके हैं तथा वह वित्तीय रूप से ब्लाक पाने की योग्यता रखती है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी कंपनी के अन्य निदेशकों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है जिसमें उसके भाई मनोज तथा कांग्रेस सांसद विजद दर्डा के पुत्र देवेन्द्र शामिल है। वे भी कंपनी के खिलाफ मामले में आरोपी हैं।
ज्ञात हो कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने हाल ही में एक रिपोर्ट में निजी कंपनियों को हुए 142 कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता के कारण सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान लगाया था।
First Published: Tuesday, September 18, 2012, 13:03