Last Updated: Thursday, May 9, 2013, 13:56
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : कोयला घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की भूमिका पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने गुरुवार को माना कि शीर्ष कोर्ट ने जो कहा, वह सही कहा है।
सीबीआई डायरेक्टर ने कोयला घोटाला और सीबीआई के कामकाज पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर सहमति जताई और कहा कि यह बिल्कुल सही है। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई के कामकाज पर कड़ी टिप्पणी की थी, जिसमें जांच एजेंसी को अपने मालिकों की भाषा बोलने वाला `तोता` बताया था। टिप्पणी के बाबत सवाल पूछे जाने पर सीबीआई डायरेक्टर ने आज कहा कि कोर्ट ने जो कहा, सही कहा। उधर, रंजीत सिन्हा के इस बयान पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी ने बयान पर सहमति जताई तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मसले पर सरकार का बचाव किया।
भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि सीबीआई निदेशक ने बिल्कुल सही कहा है। जांच एजेंसी अब कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन बन गई है। यह बात हम पहले से कहते रहे हैं, जिसे आज सीबीआई निदेशक ने भी माना है। दिग्विजय सिंह ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि यह कोर्ट की टिप्पणी है, कोई फैसला नहीं है। सरकार ने इस मामले में कुछ भी गलत नहीं किया है। कोयला घोटाले की जांच में किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं हुई है।
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कोयला खदान आवंटन घोटाले की जांच रिपोर्ट के ‘मूल तत्व’ में बदलाव को लेकर बुधवार को सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो की तीखी आलोचना की और कहा कि जांच एजेंसी तो ‘पिंजरे में बंद तोते’ जैसी है। न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी को सभी तरह के ‘दबावों’ का मुकाबला करना चाहिए और उसे अपनी जांच रिपोर्ट कानून मंत्री सहित किसी के साथ भी साझा नहीं करनी चाहिए। सीबीआई संपर्क करती है या पूछताछ? कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच से जुड़ी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल सीबीआई से किया।
दरअसल, शीर्ष न्यायालय हलफनामे में सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के यह कहने से नाराज था कि एजेंसी के अधिकारी नियमित तौर पर सरकारी अधिकारियों से संपर्क में रहते हैं। इस पर न्यायालय ने कहा कि एजेंसी का काम पूछताछ करना है न कि संदिग्ध मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क करना। पीठ ने कहा कि सीबीआई संपर्क करती है या पूछताछ करती है? क्या यह मिल-जुलकर की जाने वाली कवायद है? संपर्क का सवाल ही पैदा नहीं होता।
First Published: Thursday, May 9, 2013, 13:56