Last Updated: Tuesday, September 4, 2012, 23:53

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : सीबीआई ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित घोटाले को लेकर महीनों की आंतरिक जांच के बाद मंगलवार को पांच मामले दर्ज करने के साथ ही देश में करीब 30 स्थानों पर छापेमारी की। एक कांग्रेस सांसद से जुड़ी कंपनियों पर सीबीआई ने छापा मारा।
अदालत में पांच प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना, हैदराबाद, धनबाद और नागपुर सहित 10 शहरों में करीब 30 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी कुछ कंपनियों के मालिकों के ठिकानों पर की गई है।
सीबीआई ने प्राथमिकी में जिन कंपनियों का उल्लेख किया है, वे हैं- विनी आयर एंड स्टील, नवभारत स्टील, जेएलडी यवतमाल, जेएएस इंफ्रास्ट्रकचर और एएमआर आयरन एंड स्टील। इनमें से जेएलडी यवतमाल का ताल्लुक कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के परिवार से बताया जाता है। दर्डा से जुड़ी दो कंपनियों पर छापा मारा गया है। विजय दर्डा और उनके बेटे के जेएएस इंफास्ट्रक्चर में सात फीसदी शेयर होने का आरोप है। सवालों के घेरे में नागपुर का जायसवाल परिवार भी है। मनोज जायसवाल से जुड़ी दो कंपनियों पर भी छापा मारा गया है। बताया जाता है कि जायसवाल को आठ कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए।
कांग्रेस सांसद विजय दर्डा ने उन आरोपों से इंकार किया कि वह किसी घोटाले में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह किसी घोटाले में शामिल नहीं थे और उनकी श्रीप्रकाश जायसवाल अथवा सुबोध कांत सहाय के साथ कोई साझेदारी नहीं है। दर्डा ने कहा कि भाजपा का कोई नेता यह साबित कर दे कि जायसवाल से तालमेल के कारण उन्हें नौ ब्लॉक आवंटित किए गए और उन्हें 25000 करोड़ रुपये का लाभ मिला तो वह राजनीति छोड़ देंगे तथा यह साबित नहीं होता है तो आरोप लगाने वाले व्यक्ति को राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
इस मामले में शुरुआती जांच के दौरान सीबीआई को कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने सूचित किया कि कुछ उन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिन्हें खदानें आवंटित की गई थी। इन कंपनियों से खनन कार्य में देरी का कारण स्पष्ट करने के लिए कहा गया था। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कुछ कंपनियां ऐसी हैं जिन्हें 2005 में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, लेकिन इन्होंने अब तक खनन कार्य आरंभ नहीं किया है।
सीबीआई ने इन कंपनियों की ओर से पहले जिन क्षेत्रों में काम किए गए, उनकी भी जांच की गई है। इन्हें झारखंड, छत्तीसगढ़, और कर्नाटक में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे। कोयला घोटाले में केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशा-निर्देश पर शुरुआती जांच से जुड़ा मामला दर्ज करने के तीन महीने बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है। विनी आयरन एंड स्टील से कथित तौर पर जुड़े वैभव तुलसियान के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है। इस बारे में पूछे जाने पर कि तुलसियान ने दावा किया कि उन्होंने यह कंपनी कोयला आवंटन से पहले ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के एक निकट सहयोगी को बेच दी थी।
तुलसियान ने कहा कि मैं नहीं जानता कि मेरे घर और दफ्तर पर क्यों छापेमारी की जा रही है। मैंने कोयला ब्लॉक आवंटन से पांच महीने पहले ही कंपनी को बेच दिया था। मैं लाभ पाने वालों में नहीं हूं। मेरी गलती सिर्फ यह है कि मैंने कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या की वजह से हम कंपनी को चलाने में सक्षम नहीं थे, इसलिए कंपनी को मधु कोड़ा के सहयोगी विजय जोशी को बेच दिया था। उन्होंने अच्छी पेशकश की थी और ऐसे में कंपनी उन्हें बेची गई। कोयला ब्लॉक आवंटन के समय कंपनी जोशी के पास थी।
इस कंपनी को झारखंड में राजहारा उत्तर कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया था। आवेदन के समय कंपनी में तुलसियान निदेशक थे और उन्होंने आवेदन पर हस्ताक्षर भी किए थे। सीबीआई ने दिल्ली के डिफेंस कालोनी स्थित जेएस इंफ्रास्ट्रकचर एंड पावर लिमिटेड के कार्यालय पर भी छापेमारी की है। यह कंपनी अभिजीत समूह की है। इस समूह के प्रवक्ता से संपर्क नहीं हो सका क्योंकि वह छुट्टी पर थे। उनके कार्यालय ने उनका फोन नंबर देने से इंकार कर दिया। उनको मेल भेजने का प्रयास भी नाकाम रहा।
अधिकारियों ने कहा कि रायपुर, रायगढ़ और जांजगीर-चाम्पा शहरों में छापे की कार्रवाई सुबह लगभग 9.30 बजे शुरू हुई। छापे की यह कार्रवाई उन कम्पनियों के खिलाफ हो रही है, जिनपर कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए गलत सूचनाएं उपलब्ध कराने के आरोप हैं। सूत्रों ने कहा कि रायपुर में वेदांता समूह के कार्यालयों की तलाशी ली गई है।
इस बीच राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम द्वारा नागपुर की एक कम्पनी को कोयला ब्लॉक आवंटित किए जाने को लेकर उनके इस्तीफे की मांग की।
First Published: Tuesday, September 4, 2012, 15:54