Last Updated: Wednesday, August 22, 2012, 22:39

नई दिल्ली : कथित कोयला घोटाले के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद की कार्यवाही ठप्प करता आ रहा विपक्ष गुरुवार को बंटा दिखा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है वहीं जनता दल (युनाइटेड) का कहना है कि प्रधानमंत्री का स्पष्टीकरण ही काफी है।
राजग में बुधवार रात दरार उस समय और गहरी हो गई जब बीजद ने भी कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर कैग की रिपोर्ट के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही ठप किए जाने का विरोध किया।
बीजद नेता और लोकसभा सदस्य बी. महताब ने कहा कि हम चाहते हैं कि सदन चले। बीजद संसद में ‘कोलगेट’ पर बहस कराने के पक्ष में है। बहस करना ज्यादा लोकतांत्रिक होगा क्योंकि तब इस मुद्दे पर विभिन्न दलों के विचार सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही बाधित करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
संसद ठप करने की भाजपा की रणनीति को जदयू का भी साथ नहीं मिला। जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा होनी चाहिए। शरद यादव राजग के समन्वयक भी हैं।
जदयू ने कहा है कि इस विषय पर राजग की एकजुटता के नाम पर उनकी पार्टी भाजपा के निर्णय का एक दो दिन तो समर्थन करेगी, लेकिन वह महसूस करती है कि इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर संसद की कार्यवाही बाधित करना संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि अन्य दल इसके इच्छुक नहीं हैं।
अन्य दलों की राय जानने के लिए शरद यादव ने माकपा, भाकपा, तेदेपा, सपा और बसपा नेताओं से बात की और उन्होंने कहा कि सभी ने कार्यवाही बाधित करने के स्थान पर चर्चा का पक्ष लिया। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों ने कहा कि उनकी नेता ने भाजपा का अपने साथ आने का अनुरोध खारिज कर दिया है।
जद (यू) के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी इस मसले पर चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा, हम संसद में बहस को तैयार हैं। सरकार को कोयला आवंटन पर संसद में स्पष्टीकरण देनी चाहिए।
तिवारी ने कहा, हमारी पार्टी चाहती है कि संसद की कार्यवाही चले। वैसे भी संसद की लोक लेखा समिति नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट का पोस्टमार्टम करेगी ही। इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
उधर, भाजपा ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री के इस्तीफे से कम पर मानने वाली नहीं है। भाजपा नेता बलवीर पुंज ने कहा, इस घोटाले में प्रधानमंत्री मुख्य आरोपी हैं। ऐसे में घोटाले पर चर्चा कैसे हो सकती है जबकि वह सरकार के मुखिया हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को उनकी जिम्मेदारी से अलग कैसे किया जा सकता है। जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देते, हम चर्चा नहीं करेंगे।
इससे पहले बुधवार सुबह हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में तय किया गया कि पार्टी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की अपनी मांग जारी रखेगी, जब तक कि प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते। बैठक के बाद वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इस सरकार पर अब किसी को विश्वास नहीं रहा। नायडू के मुताबिक लालकृष्ण आडवाणी ने बैठक में कहा कि यह सरकार अब इस देश पर बोझ बन गई है, इसलिए इसका जाना जरूरी हो गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 22, 2012, 18:48