Last Updated: Tuesday, April 23, 2013, 13:32
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : कोयला एवं इस्पात पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को कोयला ब्लॉक आवंटन प्रक्रिया को देश के साथ विश्वासघात करार दिया। समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की। समिति ने उत्पादन न करने वाले कोयला ब्लॉक का आवंटन रद्द करने और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
तृणमूल सांसद बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘कोयला ब्लॉक आवंटन करने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई वह पूरी तरह से गैरकानूनी है। यह प्रक्रिया देश से धोखे की सबसे बड़ी बानगी है।’
समिति की अध्यक्षता वाली समिति ने आवंटन की पूरी प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए हैं। समिति के सवालों से ज़ी मीडिया की उस मुहिम पर भी मुहर लगती है, जिन सवालों को ज़ी मीडिया लगातार उठाता आया है।
समिति ने अपनी जांच में पाया है वर्ष 1993 से लेकर 2004 के बीच कोयला ब्लॉकों का आवंटन बिना किसी विज्ञापन अथवा सार्वजनिक सूचना के किया गया। कोयला ब्लॉकों के आवंटन में गैरकानूनी प्रक्रिया अपनाई गई।
समिति ने आवंटन प्रक्रिया में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी व्यक्तियों की भूमिका की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है । रिपोर्ट में कहा गया है कि आवंटन प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई और कोयला ब्लॉकों के आवंटन से सरकार को कोई राजस्व नहीं प्राप्त हुआ।
समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन में पीएसयू को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। साथ ही समिति ने निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए नई पॉलिसी बनाने का सुझाव दिया है।
समिति ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि कोयला ब्लॉक आवंटन में पीएसयू को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई?
First Published: Tuesday, April 23, 2013, 13:32