Last Updated: Friday, August 17, 2012, 16:01

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कैग की रिपोर्ट पर असहमति जताई है। उन्होंने आज कहा कि कोयला आवंटन पर जो कैग की रिपोर्ट पेश की गई है उससे कोयला मंत्रालय सहमत नहीं है। उन्होंने सीएजी रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोयला आवंटन पर जो रिपोर्ट आज संसद में पेश की गई उससे कोयला मंत्रालय बिल्कुल भी सहमत नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोयला नीति सबसे बेहतर है और आवंटन की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई। जायसवाल ने कहा कि इससे बेहतर पॉलिसी नहीं हो सकती है जिसके आधार पर इसका आवंटन किया गया। जायसवाल ने कहा कि कोयला आवंटन पर कमेटी ने पूरी पारदर्शिता बरती इसलिए वह सीएजी के आकलन से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएजी को 57 कोल ब्लाक में ऐतराज है और इसमें से सिर्फ एक ब्लाक ही चालू है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी रपट में कहा है कि निजी कम्पनियों को कोयला खदान आवंटन में पारदर्शिता के अभाव के कारण सरकारी खजाने को 1.85 लाख करोड़ रुपये (37 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ। शुक्रवार को संसद में पेश इस रपट में कहा गया है कि ऐसा कोयला खदान आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता न होने के कारण हुआ है। यह प्रक्रिया जून 2004 में शुरू होनी थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें भारी विलम्ब हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार कोयला खदानों के आवंटन के लिए जल्द नीलामी का निर्णय लेकर कुछ हदतक इस वित्तीय लाभ को अर्जित कर सकती थी।
First Published: Friday, August 17, 2012, 15:56