Last Updated: Saturday, August 25, 2012, 19:04

चेन्नई : पूर्व दूरसंचार मंत्री अरूण शौरी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोयला ब्लाक आवंटन विवाद में बयान देने दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर संसद स्थगित कर विपक्ष को कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे शौरी ने एक समारोह के इतर संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री प्रभारी मंत्री (कोयला मंत्रालय के) थे। उन्हें तथ्यों को विस्तार से रखने का अवसर दिया जाना चाहिए। भाजपा द्वारा संसद की कार्यवाही स्थगित करने के बारे में शौरी ने कहा, जहां तक मेरा मानना है कि विपक्ष की शिकायत यह नहीं है कि चर्चा नहीं होती बल्कि शिकायत यह है कि चर्चा के बाद कुछ नहीं होता।
उन्होंने कहा, इसलिए कुछ नेताओं को छोड़ दिया जाता है और यही उनकी शिकायत है। लेकिन अगर सरकार कार्रवाई करती है तो कोई समस्या नहीं होगी। अंतत: संसद की कार्यवाही बाधित करने से विपक्ष को ज्यादा हासिल नहीं होता। टूजी घोटाले पर चिदंबरम के इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा के बहिष्कार को याद करते हुए कहा कि विपक्ष जब कोई रूख अपनाता है तो पांच दिनों बाद इसे जारी नहीं रखने का कारण ढूंढ लेता है।
उन्होंने कहा, कुछ दिनों के बाद हर चीज भूला दिया जाता है और चिदंबरम संसद में बोलना जारी रखते हैं और वे कुछ नहीं कहते। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी बैंकों में जमा काले धन को केंद्र सरकार वापस नहीं लाना चाहती।
चिदंबरम के फिर से वित्त मंत्री बनने पर उन्होंने कहा, वह काफी पसंद किए जाने वाले एवं बुद्धिमान व्यक्ति हैं। मुझे उम्मीद है कि उनके आने वाले बजट पिछले बजट की तुलना में बेहतर होंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 25, 2012, 18:28