Last Updated: Tuesday, January 31, 2012, 07:50
नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के आरोप में लोक सेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने या नहीं देने की समय सीमा निर्धारित करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि यह निर्णय 2जी स्पेक्ट्रम मामले में एक तरह से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अभ्यारोपित करने जैसा है।
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने शीर्ष अदालत के आज दिए इस फैसले के बाद संवाददाताओं से कहा कि क्या प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से भी कोई सबक लेगें या नहीं। सीवीसी मामले के बाद शीर्ष अदालत के आदेश से उन्हें एक अन्य शर्मिन्दगी उठानी पड़ी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कम से कम अब सबक लेना चाहिए क्योंकि सीवीसी मामले के बाद उच्चतम न्यायालय ने आज उन्हें दूसरी बार अभ्यारोपित किया है ।
उन्होंने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि अदालत के इस फैसले के आलोक में अब वह गृह मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम मामले में कार्रवाई करने को लेकर क्या करने जा रहे हैं।
सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला दिया कि एक याचिकाकर्ता को 2जी मामले में ए. राजा के विरूद्ध अभियोजन चलाने की प्रधानमंत्री से अनुमति मांगने का पूर्ण संवैधानिक अधिकार है। अदालत ने यह भी कहा कि सक्षम प्राधिकार को ऐसी मंजूरी देने पर एक समय सीमा के भीतर निर्णय करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने याची की ओर से मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए दायर याचिका पर कहा कि यदि चार महीने के भीतर मंजूरी प्रदान नहीं की जाती है तो मान लिया जाना चाहिए कि मंजूरी प्रदान कर दी गई है। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता बलबीर पुंज ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा शीर्ष कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है।
यह निर्णय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के चेहरे पर तमाचा है। इसे सरकार के लिए दूसरा बड़ा झटका बताते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले मुख्य सतर्कता आयुक्त के रूप में पीजे थॉमस की नियुक्ति रद्द कर दी। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से ऐसे लोगों को कानून की जद में लाने में मदद मिलेगी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 31, 2012, 16:20