Last Updated: Thursday, October 18, 2012, 19:32
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनउ पीठ ने आज केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट से संबंधित वे सारे दस्तावेज पेश करने का निर्देश एक टेलीविजन चैनल को दिया जिनके आधार पर जनहित याचिका दायर की गई है।
न्यायमूर्ति उमा नाथ सिंह और न्यायमूर्ति सतीश चंद्रा की खंडपीठ ने आज आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की जनहित याचिका की ग्राह्यता पर सुनवाई के दौरान चैनल को नोटिस जारी किया। चैनल को इस विवाद से संबंधित सारे दस्तावेज 30 अक्तूबर तक न्यायालय में पेश करने हैं। इस मामले में अब 30 अक्टूवबर को आगे सुनवाई होगी।
याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदेश की आर्थिक अपराध विंग, केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, आज तक और डा. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में इस मामले में प्राथमिकी दायर करने का निर्देश देने के साथ ही सलमान खुर्शीद और उनके पत्नी लुई द्वारा संचालित इस ट्रस्ट से संबंधित मामले की जांच की न्यायालय के माध्यम से निगरानी का अनुरोध किया गया है।
नूतन ठाकुर ने याचिका में समाज कल्याण मंत्रालय की कार्यवाही के आलोक में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख गृह सचिव और प्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को विकलांग कल्याण विभाग और समाज कल्याण विभाग की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। केन्द्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने इसे मुखौटा याचिका करार देते हुए कहा कि एक व्यक्ति को बदनाम करने और उसकी छवि को ठेस पहुंचाने के इरादे से ही यह याचिका दायर की गयी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 18, 2012, 19:32