Last Updated: Thursday, October 25, 2012, 18:56
नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर जिस घोटाले को दफन करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है उसके खिलाफ ज़ी न्यूज़ की टीम निरंतर घोटाले की परतों को खोलने में लगी है। इसी क्रम में ज़ी न्यूज़ संवाददाता अहसन अब्बास ने कोयला और इस्पात पर बनी संसदीय समिति के सदस्य संजय राउत से लंबी बातचीत की। इस बातचीत के कुछ खास अंश--
सवाल : सीएजी रिपोर्ट में तकरीबन साढ़े पांच लाख करोड़ का घोटाला सामने आया है। आप लोगों ने सदन में हंगामा जरूर किया लेकिन उसके बाद कुछ बात आगे नहीं बढ़ पायी?
जवाब : हमने सदन में सिर्फ हंगामा नहीं किया। एक सत्र हमने कोल ब्लॉक को समर्पित किया। काम नहीं चल पया। ये अलग बात है कि बाद में कुछ नहीं हुआ। जब कोई घोटाला आता है तो हम सदन में और बाहर इसे जोर-शोर से उठाते हैं। बाद में दबा दिया जाता है। कोल ब्लॉक के बाद रॉबर्ट वाड्रा और अब गडकरी जी का घोटाला भी सामने आया है। इस देश में कोल ऐसा भ्रष्टाचार है मानो देश को लूट लिया हमारे ही लोगों ने। जो लोग सत्ता मे बैठे हैं, जो ब्यूरोक्रैसी में बैठे हैं सभी ने एक साथ मिल बांटकर खाया है। 2जी में कैग रिपोर्ट आया। ए. राजा को जेल जाना पड़ा क्योंकि वो डीएमके का था। एक कांग्रेस के मंत्री हैं श्रीप्रकाश जायसवाल। उससे पहले संतोष बागरोडिया वो भी कांग्रेस के मंत्री थे। जब कोल घोटाला हुआ तो पीएम खुद मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे थे। तो क्या आप जिम्मेदार नहीं। जो सजा राजा पर लगा, कलमाड़ी पर लगा मंत्रियों पर लगा वो आप पर क्यों नहीं। महाराष्ट्र के एक मंत्री पर कोल घोटाले में सीबीआई ने केस दर्ज किया फिर भी वो मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ बैठते हैं और मुख्यमंत्री क्लीन इमेज की बात करते हैं। एमपी आपकी कांग्रेस पार्टी में बैठे हैं जिनको कोल ब्लॉक मिला है। जेपीसी की मांग करने की बात हो रही तो हमने कहा 2जी स्पेक्ट्रम में जेपीसी फॉर्म होने के बाद काम नहीं चल पा रहा है। मुझे लगता है ये सरकार भ्रष्टाचार दबाने में सबसे माहिर बन गई है।
राउत ने कहा कि सीबीआई कैसे छोटे-छोटे केस में लोगों को अंदर डाल देती है। क्या कोल ब्लॉक में हाथ बंधे हैं। क्या मनमोहन या गांधी परिवार का प्रेशर आया है। क्या सीबीआई कांग्रेस की गुलाम बन गई है। क्यों नहीं कार्रवाई होती। किसी दूसरी पार्टी या सहयोगी पार्टी के होते तो अब तक जेल में डाल दिया गया होता। चुप बैठने की आदत पड़ गई है देश को। हमारे जैसे विपक्ष के लोग क्या कर सकते हैं। हम चाहते हैं जेल होना चाहिए। सबसे ज्यादा गुनहगार मंत्री हैं। उस वक्त जो कोल मिनिस्ट्री और पावर मिनिस्ट्री में अफसर बैठे थे उनके नाम दिए हैं मैंने। सेक्रेटरी थे चेयरमैन थे। शाही लांगेस्ट सर्विंग पावर सेक्रेटरी थे। उनके कार्यकाल में किसको मिले हैं कोल ब्लॉक देखिए। अब सभी लोग कंपनियों में डायरेक्टर बने चेयरमैन बने हैं। कोई झा है कोई शर्मा है। सभी का नाम हमने लिखकर दिया है। ये सभी सरकारी पदों पर बैठे थे। जो कंपनियां फंसी हैं उन्हीं कंपनियों में बड़े पदों पर बैठे हैं। उनकी जांच करो ये घोटाला ऐसे दबने वाला नहीं। आने वाले सेशन में देखिए क्या होता है। भले सब चुप बैठे लेकिन हम चुप नहीं बैठने वाले। हमारे पास और मसाला है।
सवाल : गवर्नमेंट जीरो लॉस की बात कर रही है?
जवाब : जीरो लॉस की बात तो कपिल सिब्बल ने 2जी में की थी। कपिल सिब्बल का ये क्या फॉर्मूला है देखना पड़ेगा। बोफोर्स में भी जीरो लॉस। घटिया लोग सत्ता में बैठे हैं। जीरो लॉस की बात करते हैं। संसद शुरू होगा तो हम जीरो लॉस की बात करेंगे।
सवाल : एफआईआर लॉज है लेकिन अरेस्ट नहीं हो रहे क्या बड़े कॉरपोरेट घराने हैं इसमें?
जवाब : जरूर बड़े कॉरपोरेट घराने के लोग हैं। राजनीतिक घराने के लोग हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड के हैं। आप कानून की बात करते हैं। लेकिन कोल ब्लॉक पर सब चुप बैठे हैं। सीबाआई केस दर्ज करती है को पहला काम होता है अरेस्ट करो और लॉकअप में डालो। बार-बार ऐसा हुआ है। ये देश का सबसे बड़ा घोटाला फिर भी सीबीआई हाथ पर हाथ बांध कर बैठी है। हाईकोर्ट ने एक बार कहा था कि सीबीआई को ताला लगाइए ये सरकार की गुलाम है। कोयला घोटाले में ये दिख रहा है।
सवाल : क्या जो आवंटित कोल ब्लॉक हैं वो रद्द नहीं होने चाहिए। कैग मान रही है कि गड़बड़ियां हुई हैं?
जवाब : सीएजी ने माना है कि गड़बड़ी हुई है तो हमारी मांग थी कि संसद चलाना है तो कोल ब्लाक का आवंटन पहले रद्द करिए। सरकार ने भी थोड़ी बहुत मांग मान ली थी कि घोटाला हुआ है। आईएमजी की मीटिंग के बाद कुछ कोल ब्लाक का आवंटन रद्द किया है। लेकिन ये छोटी बात है। सभी रद्द होना चाहिए। सरकारी कंपनियों को ऐसे कोल ब्लॉक दे दिए गए जहां कोयला नहीं था। प्राइवेट सेक्टर को अहम कोल ब्लाक दिए हैं। क्या बड़े-बड़े औद्योगिक घराने को ज्यादा संपत्ति देना चाहते हो। यही घोटाला है। कुल लोगों को ज्यादा संपत्ति देना चाहते हो। सरकारी कंपनियों को बेचना चाहते हो, भिखारी बनाना चाहते हैं। इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीयकरण क्यों किया था। ये पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी को भूल गए।
सवाल : आईएमजी की जांच से संतुष्ट नहीं है ?
जवाब : आईएमजी क्या है? ये कांग्रेस के तोते हैं। क्या करेंगे। सभी शामिल हैं। जेपीसी में कांग्रेस वाले काम नहीं करने देते। तो आईएमजी में क्या करेंगे। इन्हीं लोगों ने आवंटन किया था। सभी को मालूम है क्या हुआ था। मोतीलाल वोरा ने क्या किया था। पीएम कार्यालय में कौन बैठा था जो आवंटन कर रहा था। पीएम कार्यालय में क्या हो रहा था उस वक्त। पूछिए पृथ्वीराज चव्हाण को। अगर आप नहीं बताएंगे तो हम आने वाले दिनों में बताएंगे।
सवाल : सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए। अन्ना बोल रहे हैं आईएमजी क्या कर पाएगी। क्या आप भी ऐसा चाहते हैं?
जवाब : सुप्रीम कोर्ट की बात अलग थी। सुप्रीम कोर्ट ने कॉमनवेल्थ और 2जी में अच्छा काम किया था। क्या हुआ। जांच एजेंसी तो सीबीआई है, सरकार की एजेंसी है। जिसका देश में डंका पीटा था, कलमाड़ी को जेल में डाला था। कलमाड़ी का चार्जशीट में नाम तक नहीं है। किसको मूर्ख बनाना चाह रहे हैं। 2जी में यही हुआ। कॉमनवेल्थ में भी यही किया। कोल ब्लाक आवंटन सबसे बड़ा घोटाला है इस देश का। उसमें भी यही होने वाला है।
सवाल : अन्ना कह रहे हैं कि सारा देश घूमेंगे क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों घोटालों को लेकर कहीं न कहीं मिले हैं?
जवाब : देखना पड़ेगा अन्ना के जो लोग हैं केजरीवाल जैसे लोग जिनके भरोसे अन्ना ने आंदोलन किया, क्या करते है। अन्ना जी का हम सम्मान करते हैं।
सवाल : जस्टिस हेगड़े कह रहे हैं एसआईटी बनाइए तब कोयला घोटाले की जांच सही से चल सकती है?
जवाब : जस्टिस हेगड़े ने सही कहा है। एसआईटी जरूर बनाइए। बनाने से पहले दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष हैं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली या फिर सारे दलों को बुलाइए फिर हमारा सुझाव लीजिए और फिर एसआईटी बनाइए।
सवाल : बयानबाजी बहुत हो रही है काम बहुत कम हो रहा है?
जवाब : राजनीतिक बयानबाजी बहुत हो रही है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करना है तो मीडिया की ओर नहीं लोगों की ओर देखो और लड़ाई के लिए तैयार रहो। मीडिया को साथी मानेंगे तो मीडिया जरूर काम करेगा। लेकिन मीडिया की ओर देखकर आंदोलन मत करिए। हमारी पार्टी शुरू से ही एनडीए के साथ खड़ी रही। शिवसेना प्रमुख चाहते हैं। कोल आवंटन पर पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। चाहे जितना बड़ा त्याग करना पड़े।
First Published: Thursday, October 25, 2012, 17:59