Last Updated: Monday, August 27, 2012, 18:05

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: कोल ब्लॉक आवंटन पर सियासी घटनाक्रम को देखते हुए अब सरकार अगले हफ्ते संसद में विश्वास मत प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार बीजेपी को जताना चाहती है कि बहुमत उसके पक्ष में है। बीजेपी को सरकार यह जताना चाहती है कि बीजेपी संसद में चाहे लाख हंगामा बरपाए लेकिन अहम बिल सरकार पास करा पाने का कपास करा सकती है। सूत्रों यह भी कह रहे हैं कि बीजेपी ने कांग्रेस की इस मांग को भी ठुकरा दिया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अडी भाजपा ने आज अपना रूख और कड़ा करते हुए आरोप लगाया कि कोयला ब्लाक आवंटन मामले में कांग्रेस पार्टी को ‘मोटा माल’ मिला है और इन सभी 142 कोयला ब्लाकों का आवंटन रद्द होना चाहिए। कोयला ब्लाक आवंटन मामले पर लगातार पिछले पांच दिन से संसद ठप्प करने वाली मुख्य विपक्ष पार्टी ने कहा कि इस मामले में अगर जरूरी हुआ, तो वह अकेले भी लड़ाई जारी रखेगी।
गौरतलब है कि कोयला खदानों के आवंटन पर चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में बयान देकर बीजेपी के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने नुकसान को लेकर सीएजी के आकलन को भी गलत ठहराया। प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में हुए तमाम फैसलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि बीजेपी सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए हंगामा कर रही है। बीजेपी ने प्रधानमंत्री के बयान को पूरी तरह खारिज किया है।
गौरतलब है कि भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक या कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निजी कंपनियों को कोयले की खानें मिलने से उन्हें 1.86 लाख करोड़ का फायदा हुआ। कोयले की खान के लिए कंपनियों का चयन किया गया था, जबकि आलोचकों का कहना है कि खानों की बोली लगनी चाहिए थी और सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को खानें दी जानी चाहिए थी।
First Published: Monday, August 27, 2012, 17:50